Published On : Thu, Jan 23rd, 2020

पहले कार्रवाई फिर लीपापोती को संरक्षण

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– धरमपेठ जोन,स्थावर व नगर रचना विभाग के संयुक्त संरक्षण से झंडा चौक के आसपास के परिसर में आधा दर्जन से अधिक निर्माणकार्य को नज़रअंदाज किया जा रहा

नागपुर : एक शिकायत के आधार पर तात्कालीन मनपा आयुक्त की उपस्थिति में अवैध निर्माण कार्य पर कार्रवाई की गई थी.अब ठीक उसके ३ साल बाद उसी ईमारत का नवीनीकरण करने का सिलसिला जारी हैं.इस मामले में वर्त्तमान मनपा आयुक्त के नाक के नीचे धरमपेठ जोन,स्थावर विभाग व नगर रचना विभाग की प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से मिलीभगत की जानकारी प्राप्त हुई हैं.

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याद रहे कि तात्कालीन मनपा आयुक्त श्याम वर्धने के कार्यकाल में न्यू धरमपेठ लेआउट परिसर में दो अवैध निर्माण कार्य की शिकायत मिली थी.तब वर्धने के उपस्थिति में अतिक्रमण उन्मूलन की कार्रवाई इस अवैध निर्माण कार्य के अलावा सामने के चौराहे के मुहाने पर खड़ी अवैध निर्माणकार्य को ढहाया गया था.क्यूंकि निर्माणकार्य करते वक़्त प्लॉट के हिसाब से तय ‘मार्जिनल स्पेस’ कुछ भी नहीं छोड़ा गया था.

धमरपेठ जोन कार्यालय के सूत्रों की माने तो यह दोनों प्लॉट लीज के तहत आवंटित की गई थी,वह भी सिर्फ रहवासी उपयोग के लिए.लेकिन इसमें से एक प्लाट के मालिक ने आवंटित प्लॉट का २ विभाजन गैरकानूनी ढंग से कर दिया।जिसमें से एक हिस्से पर निर्माणकार्य पूर्ण हो चूका हैं,यहाँ कोई व्यवसायिक उपक्रम की शुरुआत होने वाली हैं तो दूसरे हिस्से पर निर्माणकार्य जारी हैं.

मनपा नियम यह कहती हैं कि बिना अनुमति व तय शुल्क अदा किए व्यवसायिक उपक्रम की शुरुआत नहीं की जा सकती।

मनपायुक्त,धरमपेठ जोन के वार्ड अधिकारी,नगर रचना व स्थावर विभाग प्रमुख से सवाल यह हैं कि उक्त अवैध निर्माणकार्यों को नियमित कब किया गया व अधिकृत मंजूरी कब दी गई.क्या इनके लीज का नवीनीकरण किया गया.क्या नामांतरण हुआ.रहवासी उपयोग की लीज की जगह को व्यवसायिक उपयोग की कब अनुमति दी गई.इसके लिए उपयोगकर्ताओं से कितने शुल्क वसूले गए.


सबसे अहम् मुद्दा यह हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री के निवास के ठीक पीछे ( झंडा चौक के आसपास ) लगभग आधा दर्जन से अधिक अवैध निर्माणकार्यों को किस सफेदपोश या किस अधिकारी का संरक्षण प्राप्त हैं,जिसके शह में खुलेआम अवैधकृत जारी हैं.

उक्त मामले पर सूक्ष्म जाँच सह ठोस कार्रवाई की मांग ‘एम.ओ.डी.आई. फाउंडेशन’ के प्रमुख महेश दयावान ने की हैं.

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