कोंढाली (नागपुर)। नागपुर-अमरावती-मुंबई राष्ट्रीय महामार्ग के कोंढाली में स्थित प्राथमिक आरोग्य केंद्र में चार महीने से आरोग्य अधिकारी नहीं होने से नागरिकों को आरोग्य सेवा नहीं मिल रही है. आरोग्य सेवा को लेकर राजकीय नेता की ओर से कोई सहायता न मिलने से इस क्षेत्र में आरोग्य समस्या को लेकर प्रश्न उपस्थित हो गया है.
इस आरोग्य केंद्र में 24 घंटो के लिए तीन वैद्यकीय अधिकारियों की नियुक्ति है. इसके पूर्व 2014 तक दो वैद्यकीय अधिकारी नियमा अनुसार कार्यरत थे. लेकिन 2015 से अधिकारियों की नियुक्ति न होने से आदिवासी क्षेत्र के नागरिकों का आरोग्य ख़राब होने की समस्या बढ़ रही है.
जून माह में आरोग्य अधिकारी डॉ. तिवारी का भी तबादला हो गया जिससे तीन पद खाली हो गए है. इस क्षेत्र के जि.प. सदस्य रामदास मरकाम ने कई बार जि.प.में रिक्त पद भरने की मांग की. लेकिन अब तक किसी अधिकारी की नियुक्ति नहीं हुई बल्कि एक अधिकारी का तबादला हो गया. इस क्षेत्र के विधायक डॉ. आशीष देशमुख और सांसद कृपाल तुमने को इस बात की जानकारी देने पर भी अब तक रिक्त स्थान भरे नहीं गए है. जबकि तहसील के कचारी सावंगी पी.एच.सी में तीन वैद्यकीय अधिकारीयों नियुक्ति की गई है.
कोलकत्ता-नागपुर-कच्छ अंतर्राष्ट्रीय महामार्ग क्र.46 अतिसंवेदनशील क्षेत्र होने से कोंढाली क्षेत्र की प्राथमिक आरोग्य केंद्र में गिनती होती है. इस इलाके के पुलिस स्टेशन की एम.एच.सी. तालुका पंचायत समिति और जिल्हा परिषद की बैठक, आंगनवाड़ी जांच आदि के लिए एक वैद्यकीय अधिकारी की ज़रूरत होती है. इस क्षेत्र के विधायक, सांसद और पंचायत समिति के सदस्यों के रहने के बावजूद भी इस गंभीर विषय पर उनका कोई ध्यान नहीं? ऐसा प्रश्न उपस्थित हो रहा है.
इस मामले में नागपुर जिल्हा आरोग्य अधिकारी डॉ.सवाई से कई बार संपर्क किया गया लेकिन अब उनसे भी संपर्क नहीं होता. जिसके बाद जि.प. अध्यक्ष निशा सावरकर से संपर्क किया तो उन्होंने कोंढाली आरोग्य केंद्र से जानकारी लेकर बात करने का स्पष्टीकरण दिया.