Published On : Mon, Aug 7th, 2017

97.50 लाख रुपए पुराने नोट मिले, ‘डी कंपनी’ से कनेक्शन का अंदेशा !

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नागपुर: क्राइम ब्रांच अब उन पांच लोगों की तलाश में जुट गई है, जो मुंबई से आए थे। यह लोग नागपुर- कामठी रोड सदर परिसर के होटल दुअा कंटिनेंटल में ठहरे हुए थे। इनके संबंध “डी कंपनी ‘से होने की अटकलें लगाई जा रही हैं। होटल दुअा कंटिनेंटल में ठहरे इन 5 लोगों में से एक व्यक्ति सुबह और रात को मिलने जाया करता था। पुलिस ने उसकी पहचान कर ली है। कहा जा रहा है कि वह ऋषि खोसला है, जो नागपुर में पुराने नोटों की अदला-बदली का मास्टर माइंड माना जा रहा है। इस केस में बिल्डर व शराब कारोबारी आरोपी प्रसन्ना पारधी को पुलिस एक मोहरा मान रही है।

मुंबई वापस नहीं लौटे तो कहां गए…
– इधर अपराध शाखा पुलिस से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुंबई से जो 5 लोग नागपुर आए थे उनमें से अभी तक कोई अपने घर वापस नहीं लौटा है।
– प्रसन्ना पारधी के नागपुर में गिरफ्तार होने के बाद अपराध शाखा पुलिस का दो दल मुंबई गया था। वहां पुलिस दल को बताया गया कि वह लोग अभी तक घर वापस हीं नहीं लौटे हैं।
– पुलिस इस बात को लेकर परेशान हो गई है कि अगर वह 5 लोग वापस मुंबई नहीं गए तो कहां गए।

होटल से शाम 4 बजे में चले गए
– पुलिस सूत्रों के अनुसार, कोराडी रोड पर राणा अपार्टमेंट के फ्लैट से जब्त किए गए 97.50 लाख रुपए के मामले में पुलिस के पास चार और आरोपियों के नाम आ चुके हैं।
– अपराध शाखा पुलिस विभाग के आला अफसर ने बताया कि इन आरोपियों का नाम अभी उजागर नहीं किया जा सकता है। इनके नाम उजागर होने से जांच प्रभावित हो सकती है।
– उन्होंने इस बात की पुष्टि जरूर की है कि मुंबई से जो 5 लोग आए थे। वह होटल दुवा कंटिनेंटल में ठहरे हुए थे। होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज पुलिस ने जब्त कर लिया है।
– पुलिस का कहना है कि यह 5 लोग होटल के दो कमरे में ठहरे हुए थे। होटल से जुड़े सूत्रों की मानें तो इन दोनों कमरे में 6 लोगों को अक्सर देखा जाता था। वह क्या बातें करते थे। यह तो पता नहीं चल पाया, लेकिन दिन में 6 लोग कई बार एक साथ बाहर जाते देखे गए।
– होटल के महाप्रबधंक विजय मुखर्जी ने कहा कि उनकी होटल में मुंबई से आए हुए 5 लोग ठहरे थे। उनसे मिलने एक व्यक्ति आया करता था। वे चार – पांच दिनों तक ठहरे थे। उन्होंने दो कमरे लिया था। उनका पहचान पत्र देखकर कमरा दिया गया था। उनकी पहचान पत्र और सीसीटीवी के फुटेज पुलिस लेकर गई है। वह लोग जिस दिन प्रसन्ना पारधी पकड़ा गया, उस दिन शाम करीब 4 बजे होटल छोड़कर चले गए।


“सोनू ‘ अक्सर आता जाता था फ्लैट नंबर 301 में

– सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, कोराडी रोड पर तिरुपति बालाजी सोसाइटी में प्लाट नंबर 1 में 3600 वर्ग फीट में बने राणा अपार्टमेंट में 8 फ्लैट हैं।
– इस अपार्टमेंट की तीसरी मंजिल पर पिछले दिनों अपराध शाखा पुलिस ने फ्लैट नंबर 301 में छापा मारकर 97 लाख 50 हजार रुपए के चलने में बंद हो चुके 1000 और 500 रुपए के पुराने नोट जब्त किया है। – पुलिस ने जिस अपार्टमेंट में छापा मारकर पुराने नोटों का जखीरा जब्त किया है, उस फ्लैट में सोनू नामक व्यक्ति अक्सर आना जाना था।
– सोनू ने वहां बता रखा था कि यह फ्लैट उसने किसी जीवन बाली से किराए पर लिया है, जबकि यह फ्लैट चार्टर्ड अकाउंटेंट मिनाज मखनोजिया बैरामजी टाउन निवासी का है।

राणा अपार्टमेंट को बनाया अड्डा
नागपुर- कोराडी रोड पर सड़क किनारे होने के कारण राणा अपार्टमेंट आने-जाने वाले को जल्दी नजर नहीं आता है। यह मानकापुर रेलवे क्रासिंग के ऊपर बने उड़ानपुल के नागपुर से जाते समय दाहिनी ओर है, लेकिन उड़ानपुल की रेलिंग के कारण दिखाई नहीं देता है। इसी अपार्टमेंट के कमरा नंबर 301 में अपराध शाखा पुलिस विभाग के दो अधिकारियों को कुमार चुगानी बैंक अधिकारी समझकर पिछले दिनों ले गया था। उसके बाद 97 लाख 50 हजार रुपए के पुराने नोट जब्त किए गए थे। अपराध शाखा पुलिस को यह भी खबर मिली है कि नागपुर में 15 लोगों का दल नोटों की अदला-बदली करने में लगा था। इस मामले में सीबीआई के बाद आईबी भी जुट गई है। आईबी ने अपराध शाखा पुलिस से एफआईआर की कॉपी प्राप्त िकया है। इस प्रकरण में आरबीआई और राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों के शामिल होने की भी बात पुलिस बता रही है।

20 करोड़ की होने वाली थी डीलिंग
सूत्रों के अनुसार, अपराध शाखा राणा अपार्टमेंट में छापा नहीं मारती तो उस दिन नागपुर में चलन में बंद हो चुके 1000 और 500 रुपए के पुराने नोटों की करीब 20 करोड़ रुपए की डीलिंग होने वाली थी। इसके लिए अहमदनगर, औरंगाबाद व मुंबई से कई लोग पुराने नोट लेकर नागपुर पहुंचे थे। यह डीलिंग अलग-अलग जगहों पर होने वाली थी। कहा तो यह जा रहा है कि पुलिस के पास होटल केे सीसीटीवी फुटेज रहने के बाद भी वह अभी तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर सकी, इससे पुलिस की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है।


आखिर कौन है ‘योगी’
– चलन में बंद हो चुके 1000 अौर 500 रुपए के पुराने नोटों की अदला-बदली में “योगी’ नामक व्यक्ति का नाम भी चर्चा में है। आखिर कौन है यह योगी। इस बात का पता पुलिस भी लगाने में जुट गई है।
– कहा तो यह जा रहा है कि योगी, आरोपी प्रसन्ना पारधी का करीबी रिश्तेदार है। नागपुर में पुराने नोटों की अदला-बदली का खेल कहीं योगी ही तो नहीं खेल रहा है। पुलिस के लिए यह नया नाम नहीं है।
– इधर, पुलिस की रिमांड में आए आरोपी प्रसन्ना पारधी से अभी तक अपराध शाखा पुलिस कुछ खास उगलवा नहीं सकी है। प्रसन्ना पारधी को अदालत दो बार पुलिस रिमांड में भेज चुकी है।
– कहा जा रहा है कि पुराने नोटों के इस खेल में आरबीआई के अधिकारियों पर हाथ डालना पुलिस के लिए आसान नहीं है। इसलिए अभी तक उस अधिकारी का नाम तक पुलिस उजागर नहीं कर पाई है।