Published On : Mon, Jan 22nd, 2018

रजिस्ट्रेशन 4 करोड़ बेरोजगारों का, नौकरी मिली केवल 2.5 लाख लोगों को

Advertisement

Unemployment

Representational Pic


नागपुर: रोजगार बढ़ाने के मोर्चे पर केंद्र सरकार के दावे खोखले साबित हो रहे हैं. रोजगार से जुड़े आंकड़ें देखने के बाद यह बात सामने आई है. दरअसल, पीएम मोदी ने बेरोजगारों को नौकरी दिलाने का दावा करते हुए नेशनल करियर सर्विस पोर्टल लॉन्च किया था. लेकिन इससे मिले रोजगार के आंकड़ें हैरान करने वाले हैं. बीते करीब ढाई वर्षों में पोर्टल पर करीब 4 करोड़ बेरोजगारों ने नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन किया, लेकिन 2.5 लाख लोगों को ही अब तक नौकरी मिल पाई है.

सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016-17 में देश की टॉप कंपनियों में नए कर्मचारियों की संख्या घटकर 66,000 पर आ गई, जबकि 2015-16 में इनकी संख्या एक लाख 23 हजार थी. स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत अब तक केवल 5 करोड़ 66 लाख रुपये का ही लोन जारी हुआ है. वहीं, चूंकि मुद्रा योजना में ब्याज दर 11.75 फीसदी रखी गई है, इस वजह से लोगों के लिए यहां से लोन हासिल करना आसान नहीं रहा. मुद्रा योजना के तहत सरकार छोटा बिजनस करने के लिए लोन देती है. गौरतलब है कि सरकार ने 20 जुलाई 2015 को नेशनल करियर सर्विस पोर्टल लॉन्च किया है.

इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. तब कहा गया था कि पोर्टल पर रोजगार देने वाली करीब 90 हजार कंपनियों और संस्थानों को भी स्थान दिया जाएगा. सरकार का लक्ष्य इस पोर्टल को रोजगार देने वालों और रोजगार खोजने वालों के लिए एक मंच बनाने का है. लेकिन इस पोर्टल के जरिए भी लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. इसका कारण है कि मार्केट में नई नौकरियां कम पैदा हो रही हैं. लेबर ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016-17 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग, ट्रांसपोर्ट, हेल्थ और एजुकेशन समेत 8 सेक्टर में सिर्फ 2.30 लाख नौकरियां ही पैदा हुईं, जबकि देश में हर साल 1.80 करोड़ लोग वर्क फोर्स में जुड़ते हैं. रोजगार में अहम भूमिका मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की होती है, लेकिन इसे बढ़ावा देने के मकसद से लॉन्च मेक इन इंडिया का पॉजिटिव असर भी अब तक मार्केट में नजर नहीं आया है. इंटरनैशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, पिछले साल की तुलना में 2017-18 में बेरोजगारी ज्यादा होने की संभावना है. पिछले साल बेरोजगारों की संख्या 1.77 करोड़ थी और वो इस साल 1.78 करोड़ तक जा सकती है.