नागपुर: मराठा समाज के साथ ही अन्य समाज की ओर से भी आरक्षण की मांग की जा रही है। केंद्र सरकार को दलितों, आदिवासियों और ओबीसी समाज के आरक्षण कोटो को धक्का ना लगाते हुए मांग कर रहे पिछड़े समाज को आरक्षण देना चाहिए। इसके लिए संविधान में संशोधन किया जाए। यह राय केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले की है।
उन्होंने इसी के साथ पदोन्नति में भी आरक्षण देने की मांग को दोहराया। वे शुक्रवार को रविभवन में आयोजित पत्र परिषद के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को आरक्षण की मर्यादा बढ़ानी चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो मराठा आरक्षण का विषय न्यायलय में नहीं टिकेगा। आरक्षण में और 25 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की मांग भी उन्होंने इस दौरान की।
उन्होंने बताया कि न्यायालय ने पदोन्नति में आरक्षण देने के निर्णय पर स्थगिती दी है। पदोन्नति में आरक्षण का विधेयक जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। आठवले ने ईवीएम पर अपनी राय देते हुए कहा कि कुछ ईवीएम में खराबी हो सकती है, लेकिन सभी ईवीएम में खराबी नहीं आ सकती। इस पत्र परिषद में शहराध्यक्ष राजन वाघमारे, बालू घरडे, भूपेश थुलकर, पवन गजभिये, आर. एस. वानखेडे, विकास गणवीर समेत रिपाइं (ए) के पदाधिकारी मौजूद थे।