नागपुर/यवतमाल: विदर्भ के किसानों के लिए अच्छे दिन कोसो दूर दिखाई दे रहे है। लोकसभा चुनाव के दौरान विदर्भ के जिस यवतमाल जिले की ज़मीन खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अच्छे दिनों का वादा किया था। इसी इलाके के किसान सबसे ज्यादा परेशान है। कृषि उपज को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक दवाई के दुष्प्रभाव से जुलाई महीने से लेकर अब तक करीब 18 किसानों की मौत हो चुकी है।
बुधवार को राज्य के कृषि राज्य मंत्री सदाभाऊ खोत जिले के दौरे में है। अपने दौरे के दौरान उन्होंने कीटनाशक की वजह से मृत किसान और खेत मजदूरों के परिजनों से मुलाकात की। जिले के आर्णी तहसील के सेंदूरसनी गाँव के मृत किसान दीपक मडावी के परिवार से मिलकर मंत्री ने अपनी सांत्वना व्यक्त करने से साथ ही सरकार से मदत करने का भरोषा दिलाया। अपने दौरे में खोत इसी समस्या पर बैठक भी अधिकारियो के साथ बैठक भी की।
विदर्भ को किसानो के लिए समस्या की भूमि भी कहाँ जाये तो किसी तरह की अतिश्योक्ति नहीं होगी। ठीक इसी तरह यवतमाल जिला किसान आत्महत्या के लिए बदनाम है। लेकिन इस समय परिस्थिति से लड़ने की हिम्मत जुटाने वाले किसानों की कीटनाशक का ज़हर कमर तोड़ रहा है।

