Published On : Fri, Jul 13th, 2018

13 जुलाई 2011: जब चंद मिनट में तीन बम धमाकों से हिल गया था मुंबई शहर

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मुंबई: 13 जुलाई 2011 को धमाकों से मुंबई पूरी तरह से हिल गई थी। इसी दिन मुंबई में तीन जगह ओपेरा हाउस, दादर और जवेरी बाजार (हीरों का बाजार) बम धमाके हुए थे। यह मुंबई पर चौथा बड़ा हमला था। धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिदीन हाथ बताया जाता है। मुंबई में हुए तीन बम धमाकों ने देश को हिलाकर रख दिया था। कहा जाता है कि 13 जुलाई को ही आतंकी कसाब का जन्मदिन था और धमाके मुंबई में उसकी शान के कारण करवाए गए थे। वहीं, इस घटना में 19 लोगों की मौत हो गई थी और 130 लोग घायल हो गए थे।

चंद मिनट में हुए तीन धमाके
बुधवार के दिन शाम करीब 6.45 से 7.00 के बीच ये धमाके हुए थे। पहला धमाका 6.45 पर झवेरी बाजार में, दूसरा 6.55 पर दादर में और तीसरा धमाका 7.00 बजे ओपेरा हाउस के पास हुआ। इतना ही नहीं 2 जिंदा बम को फटने से पहले ही पुलिस ने बरामद कर लिया था। ये बम ग्रांट रोड सांताक्रूज में मिला था। तहा जाता है ये धमाके काफी बड़े रूप में थे। इन विस्फोटों में आईईडी का इस्तेमाल किया गया था।

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धमाके के सबूत
धमाकों के बाद इसके पीछे के सबूत ढ़ूंढे गए थे। पाकिस्तान के लिए किए गए कॉल्स की जांच भी की गई। जिसके बाद एटीएस जांच की मानें तो जांच के दौरान कुल 12 हजार 3 सौ 73 लोगों से पूछताछ की गई। जांच के दौरान 18 राज्यों में धमाकों के सुराग की तलाश की गई और लगातार 29 दिनों तक तकरीबन 1 सौ 80 घंटे के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। धमाका करने वालों को डेढ़ लाख रुपए दिए थे। यह पैसे यासिन भटकल ने मुहैया कराए थे।

गई थीं मासूमों की जानें
ये धमाके बाकियों के काफी ताकतवर बताए गए थे। जब ये धमाके हुए थे तो घटनास्थल के साथ साथ आस आपस के इलाके तक हिल गए थे। जहां बम विस्फोट हुए वहां का मंजर तो और भी ज्यादा दिल दहला देने वाला था। इस दौरान विकीपीडिया के मुताबिक 19 लोगों की जान चली गई थी और 130 लोग घायल हो गए थे। उस दिन का मुंबई का नजारा कुछ ऐसा था कि पूरा देश सदमें में आ गया था।

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