Published On : Fri, Feb 2nd, 2018

पिछड़े इलाकों के इंजिनियरिंग छात्रों को पढ़ाएंगे 1200 ग्रेजुएट्स

Engineering Students

File Pic

नागपुर: देश भर के आईआईटी, एनआईटी और अन्य प्रमुख संस्थानों से लगभग 1200 ग्रैजुएट्स को पिछड़े इलाकों के सरकारी इंजिनियरिंग कॉलेजों में पढ़ाने के लिए चुना गया है. इसमें 11 राज्यों के इंजिनियरिंग कॉलेज शामिल हैं . पहली बार अपने संस्थानों में फैकल्टी की कमी को दूर करने के लिए सीधे सरकार ने कोई फैसला लिया है.

चुने गए छात्रों को असम, जम्मू कश्मीर, ओडिशा, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 53 इंजिनियरिंग कॉलेजों में नियुक्त किया जाएगा. मानव संसाधन और विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि पिछड़े इलाकों में पढ़ाई के स्तर को सुधारने के लिए सरकार ने पहली बार ऐसा निर्णय लिया है. इस फैसले से 1 लाख से ज्यादा इंजिनियरिंग के छात्रों को फायदा मिलेगा .

मंत्रालय इस कदम के लिए 375 रुपए खर्च करेगा और सभी फैकल्टी को 70 हजार रुपए प्रति माह की सैलरी दी जाएगी . जावड़ेकर ने यह भी कहा कि इन प्रमुख संस्थानों के एम.टेक और पीएचडी के छात्रों से सार्वजनिक अपील की गई थी कि वे पिछड़े इलाकों में पढ़ाने जाएं और देश की सेवा करें . इस पर काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी और लगभग 5000 उच्च योग्यता वाले छात्रों ने आवेदन किया था .

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