Published On : Fri, Aug 17th, 2018

स्कूल सुपरवाइज़र और टीचर की प्रताड़ना से परेशान छात्र ने किया ख़ुदकुशी का प्रयास

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नागपुर: छोटी सी गलती को लेकर टीचर से मिली कड़ी सजा के चलते सेंट जॉन स्कूल के कक्षा 10वीं में पढ़नेवाले छात्र ने आत्महत्या की कोशिश कर सनसनी फैला दी. छात्र ने अपने जरीपटका स्थित घर में फिनाइल पीकर आत्महत्या करने की कोशिश की. इस हादसे के बाद से एक बार फिर स्कूलों में विद्यार्थियों पर शिक्षकों द्वारा की जानेवाली ज्यादतियों की बहस को नया रुख दे दिया है.

मिली जानकारी के अनुसार घटना के दौरान दोपहर करीब 12.30 के आस पास छात्र घर पर अकेला था जिस वक्त उसने फिनाइल की बोतल साथ लाया था. उसकी बहन ने भाई के लक्षणों को भांपते हुए अपने परिवार के सदस्यों को इसकी जानकारी दी. अपने बेटे की हालत को देखकर घरवालों ने उसे करीबी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां अब भी उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है. छात्र के माता पिता ने बताया कि पहले जरीपटका पुलिस स्कूल स्टाफ के खिलाफ किसी तरह की शिकायत लेने के लिए तैयार नहीं थे. लेकिन जब आरटीई एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मो. शाहिद शरीफ़ द्वारा मामले का संज्ञान लेने पर शिकायत दर्ज की गई.

छात्र के अभिभावकों ने बताया कि उनका बेटा अक्सर स्कूल नहीं जाने की बात कहता था. अकेले में बंद कमरे में टीचर पराग तरुने और सुपरवाइज़र प्रमोद कुंभलकर रोज उसके साथ मारपीट करते हैं.

पालकों ने यह भी बताया कि वह कई बार पिटाई से बदन दर्द होने की शिकायत किया करता था. स्कूल प्रबंधन से शिकायत किए जाने के साल भर बाद भी उसके साथ मारपीट का सिलसिला नहीं थमा, जिससे परेशान होकर उसने ऐसा क़दम उठाया.

मो. शरीफ़ ने बताया कि इस तरह की शिकायतों को स्कूल प्रिंसिपल को निपटने का नियम है. लेकिन सेंट जॉन स्कूल में न तो प्रिंसिपल है और न हा वाइस प्रिंसिपल, यहां सुपरवाइज़र प्रमोद ही सर्वोसर्वा है. ऐसे में जुवेनिल जस्टिस एक्ट के तहत आरोपी के ख़िलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए. नियमों के कहत इस घटना की जानकारी महिला व बाल विकास अधिकारी विजय सिंह परदेसी को भी दी जा चुकी है. लेकिन अब तक इसकी ओर प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. लेकिन इस हादसे से परिवार के सदस्य सगमें और सहमें हुए हैं.