फडणवीस के निर्णय की बदौलत लोगों को मिलेगी राहत
नागपुर: उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर शहर में भवन निर्माण अनुमति के लिए विकास शुल्क में 100 फीसदी वृद्धि करने के स्थानीय प्रशासनिक स्तर के फैसले को रद्द करने का निर्देश दिया है।
यह निर्देश उन्होंने मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में नागपुर के विभिन्न मुद्दों पर हुई बैठक में दिए। इस फैसले से नागपुर की जनता को बड़ी राहत मिलेगी। प्रशासनिक स्तर पर यह निर्णय बिना नगर निगम सभागार की स्वीकृति के लिया गया। निर्माण अनुमति के लिए एमआरटीपी अधिनियम के तहत विकास शुल्क में अचानक 2020 में 100 प्रतिशत की वृद्धि कर दी गई थी और 2016 से इसे वसूल करने को भी कहा गया। इससे आम नागरिकों और बिल्डरों को काफी परेशानी हुई। पहले यह विकास शुल्क आवासीय निर्माण के लिए 2 प्रतिशत और व्यावसायिक निर्माण के लिए 4 प्रतिशत लगाया जाता था।
लेकिन, अचानक इसे बढ़ाकर 100 फीसदी कर दिया गया। 22 जुलाई, 2021 को तत्कालीन सत्तारूढ़ दल के नेता अविनाश ठाकरे ने सदन में एक प्रस्ताव पेश किया और बढ़ोतरी को रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया। हालाँकि, यह बढ़ी हुई दर प्रशासनिक स्तर पर लगाई जाती रही। तत्कालीन आयुक्त ने नगर निगम के इस प्रस्ताव को भंग करने के लिए शासन को भेजा था। विधायक प्रवीण दटके ने इस मूल्य वृद्धि के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दायर की थी।
बैठक में प्रवीण दटके ने यह मामला उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के संज्ञान में लाया। उन्होंने प्रशासन को इस फैसले को रद्द करने का आदेश दिया है। इससे नागपुर के सभी क्षेत्रों के नागरिकों, विकासकर्ताओं, निर्माण संगठनों को बढ़े हुए शुल्कों से राहत पाने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।