– सम्बंधित सभी विभागों की मिलीभगत
नागपुर – नागपुर जिले में रेत चोरी के लिए नकली ईटीपी (रॉयल्टी) बनाने का बड़ा रैकेट सक्रिय है. इस माध्यम से पिछले दो साल में करीब 100 रुपये की रेत चोरी हो चुकी है। लेकिन पुलिस सह जिला
खनन,यातायात,जिलाधिकारी कार्यालय,प्रदुषण मंडल की कार्रवाई ठंडे बस्ते में होने से सरकारी राजस्व को गहरा झटका लगा है.
हाल ही में राहुल खन्ना नाम के ट्रक मालिक को रेती चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उनके सहयोगियों से कुल 103 नकली ईटीपी अर्थात रॉयल्टी मिले हैं। यह अनुमान है कि 500 से 600 ईटीपी अर्थात रॉयल्टी के माध्यम से वास्तव में रेत की चोरी की गई थी। सावनेर विधानसभा क्षेत्र मध्य प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है। यहाँ से कन्हान नदी बहती है। नकली रॉयल्टी दोनों राज्यों से बनाए जाते हैं और दोनों राज्यों से बड़ी मात्रा में रेत की चोरी होती है।
संशोधित रेत नीति के तहत हर घाट पर सीसीटीवी लगाना अनिवार्य है। लेकिन अभी तक कहीं भी CCTV नहीं लगा है। फर्जी रायल्टी के जरिए रेत कहां बेची गई, इसकी जांच नहीं हो रही है। तो ऐसा प्रतीत होता है कि इसमें अधिकारी भी शामिल हैं।
भाजपा के नागपुर जिलाध्यक्ष डॉ. राजीव पोतदार ने रेती चोरी की सारी जानकारी पुलिस को मुहैया कराई है। करोड़ों की चोरी की सूचना मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को दी गई है। पोतदार ने मांग की है कि महाविकास आघाड़ी के कार्यकाल में हुई रेती घाटों की नीलामी को रद्द कर ढाई साल में हुए सभी लेन-देन की जांच की जाए.सीआईडी नीलामी में रेत घाट लेने वाले लोगों और उसके मूल मालिक के साथ-साथ उन्हें आश्रय देने वाले राजनीतिक नेताओं की भी जांच करे।