Published On : Tue, Aug 5th, 2014

सावनेर : नगराध्यक्ष के इंतजार में बीत गए ढाई साल

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मामला विचाराधीन है सर्वोच्च न्यायालय में


सावनेर

सावनेर नगर पालिका के चुनाव को ढाई साल से अधिक का समय बीत चुका है, मगर अध्यक्ष पद का विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. मामला फिलहाल सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. और कोई नहीं कह सकता कि इसका फैसला कब होगा. हालांकि नेता आजकल गडकरीवाड़ाा की दौड़ लगाने लगे हैं और शहर में चर्चा चल पड़ी है कि शहर को जल्द ही उसका नगराध्यक्ष मिल जाएगा.

ऐन समय पर छींक गई मक्खी
2011 के अंत में राज्य की बाकी नगर पालिकाओं के चुनाव के साथ ही सावनेर नगर पालिका के लिए भी चुनाव हुए थे. 17 नगरसेवकों में से कांग्रेस को 8, संगमयुग पक्ष को 7 और भाजपा को 2 सीटें मिली थी. संगमयुग और भाजपा ने साथ मिलकर नगर विकास आघाड़ी का गठन किया था. 9 फरवरी 2012 को होने वाले नगराध्यक्ष के चुनाव में आघाड़ी का उम्मीदवार चुनकर आने की उम्मीद थी, मगर ऐन वक्त पर आघाड़ी के एक नगरसेवक को अतिक्रमण के मामले में अयोग्य घोषित कर दिया गया. अब दोनों दलों की स्थिति बराबर यानी 8-8 हो गई थी.

ईश्वर-चिट्ठी के प्रस्ताव का विरोध
इस स्थिति के मद्देनजर पीठासीन अधिकारी ने ईश्वर-चिट्ठी का प्रस्ताव रखा. मगर कांग्रेस गुट ने इसका विरोध किया था. बस, उसी दिन से सावनेर के नगराध्यक्ष का विवाद बढ़ता ही गया. आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए. मामला अदालत पहुंच गया. अदालतों की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते मामला आज सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है.

दूसरे दौर के लिए चुने जाएंगे नगराध्यक्ष
निर्वाचन आयोग की आरक्षण व्यवस्था के मुताबिक लगभग पूरे महाराष्ट्र में नगर पालिकाओं के नगराध्यक्ष पद के पहले ढाई साल का कार्यकाल अब खत्म होने को है. इसी महीने नगराध्यक्ष पद के ढाई साल के दूसरे कार्यकाल के लिए चुनाव होंगे. सबको दूसरा नगराध्यक्ष मिल जाएगा, मगर सावनेर का क्या होगा ? यह सवाल आज सावनेर शहर के हर नागरिक की जबान पर है. हलचलें भी शुरू हो गई हैं.

आघाड़ी के पास है अब बहुमत
2011 में हुए चुनाव में नगर विकास आघाड़ी के 9 और कांग्रेस के 8 नगरसेवक थे. उसके बाद सावनेर नगर परिषद की सीमा बढ़ाई गई. 12 जनवरी 2014 को हुए चुनाव में भाजपा ने तीनों सीटों पर जीत दर्ज की. यानी अब नगर विकास आघाड़ी के नगरसेवकों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. यानी अब सावनेर को नगराध्यक्ष मिल सका है. लेकिन मामला तो सर्वोच्च न्यायालय में चल रहा है. शहर में चर्चा चल रही है कि यह मामला अदालत के बाहर निपटा लिया जाएगा या अदालत के फैसले का इंतजार किया जाएगा?

representational pic

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