सावनेर में लोगों ने देखा नियति का चमत्कार
सावनेर
इसे नियति का खेल कहें या कुछ और…औद्योगिक क्षेत्र के आरएसी पाठ्यक्रम में अध्ययन कर रहे स्थानीय 19 वर्षीय छात्र प्रणीत नितेश बागड़े का जन्म और मृत्यु एक ही दिन और एक ही समय पर हुई. प्रणीत का जन्म 29 जुलाई 1995 को दोपहर 12.30 बजे हुआ था, जबकि पीलिया (हेपेटाइटिस) से बीमार प्रणीत की मृत्यु भी 29 जुलाई 2014 की दोपहर 12.30 बजे ही हुई.
पीलिया (हेपेटाइटिस) के शिकार प्रणीत का पहले नागपुर के लता मंगेशकर अस्पताल, वोक्हार्ट और गेटवेल अस्पताल में इलाज करवाया गया. मगर जब कोई फायदा नहीं हुआ तो उसे मुंबई ले जाया गया. केईएम अस्पताल, रिलायंस के कोकिलाबेन हास्पीटल और ग्लोबल हास्पीटल में उसका इलाज चला. मगर कोई फायदा नहीं हो पाया. उसका लीवर पूरी तरह से बेकार हो गया था. डॉक्टरों की सारी कोशिशें सफल नहीं हो पार्इं और 29 जुलाई को दोपहर साढ़े 12 बजे प्रणीत ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.
कोलार नदी के तीर पर प्रणीत का अंतिम संस्कार किया गया. पीड़ित परिवार को मुंबई में नागपुर के युवा व्यवसायी और फिल्म निर्देशक महेंद्र बोरकर ने मदद की. प्रणीत के निधन से सावनेर में शोक की लहर व्याप्त है.