साकोली
छुट्टियों के दिन शुरु होते हि व्याघ्र प्रकल्प तथा अभयारण्य की और पर्यटकों का रुझान बढ़ रहा है. जंगल सफारी का आनंद लेते हुए शेर के दर्शन हो जाने की उम्मीद मे पर्यटक अभयारण्यों मे पहुंच रहे है. जनवरी से अप्रैल के बीच नागझिरा को क़रीब 10 हज़ार पर्यटकों ने भेंट दी है.
पूर्व विदर्भ के भंडारा व गोंदिया जिले के सीमापार स्थित साकोली से 22 किलोमीटर पर यह अभयारण्य है. इस अभयारण्य का न्यू नागझिरा के रूप मे विस्तार हुआ है. जानकारों के मुताबिक़ शेरों की ज्यादा संख्या वाले ताड़ोबा, मेलघाट और पेंच अभयारण्य के मुकाबले नागझिरा मे शेर दिखनी क़ी समभावना ज़्यादा है. इस अभयारण्य में हिरण, चिता, भालू, शेर, मोर, साँप और पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों के अलावा कई वन्यजीव पाए जाते हैं.
नागझिरा अभयारण्य के पिरेझरी गेट पर जनवारी में 2751, फ़रवरी में 1652,मार्च में 1715 पर्यटकों की एंट्री हुई है. मंगेसरी गेट पर जनवारी में 391, फ़रवरी में 238, मार्च में 236 पर्यटकों की एंट्री हुई है. चोरखमारा गेट पर जनवारी में 380, फ़रवरी में 495,मार्च में 414 पर्यटकों की एंट्री हुई है. इसमें 6 विदेशी पर्यटकों की एंट्री है.
वन्यजीव विभाग द्वारा नागझिरा, कोका अभयारण्य और नवेगांव बांध राष्ट्रीय उद्यान परिसर में वन्यप्राणियों के लिए 224 जलाशय बनाए गए हैं. इनके निरिक्षण के लिए 54 निरिक्षण कुटी बनाई गई है. नागझिरा, न्यू नागझिरा का कुल क्षेत्रफ़ल 653.67 वर्ग किलोमीटर है.