ग्राम अंतोडा की महिला सरपंच ने कर दी अमानवीयता की पराकाष्ठा
वर्धा
हद हो गई अमानवीयता की. आष्टी तालुका के ग्राम अंतोडा में रहने वाले वासुदेव मोहड का मकान रात एक बजे ग्राम पंचायत ने बुलडोजर चलाकर डहा दिया. उन पर सरकारी जगह के अतिक्रमण का आरोप है और मामला अदालत में विचाराधीन है.
बाढ़पीड़ित होने के कारण मिला था भूखंड
प्राप्त जानकारी के अनुसार अंतोडा के किसान वासुदेवराव मोहड को बाढ़पीड़ित होने के कारण 35 साल पहले घर बनाने के लिए 800 वर्ग फुट भूखंड मिला था. उस भूखंड पर मोहड ने 5 कमरों का पक्का मकान बनाया. कुछ दिन बाद ही ग्राम पंचायत ने उन्हें यह कहते हुए नोटिस थमा दिया कि यह जगह तो अतिक्रमण में है.
ठेकेदार को दिया ठेका
मोहड इसके विरोध में अदालत पहुंच गए, जिसका अब तक कोई फैसला नहीं आया है. हां, 19 अगस्त को अदालत ने मोहड की केस खारिज जरूर कर दी, मगर मकान को ढहाने का कोई आदेश नहीं दिया. लेकिन, 20 अगस्त को ग्राम पंचायत की सरपंच शालिनी कोडापे ने एक़ ठेकेदार को ठेका देकर रात एक बजे उनके मकान पर बुलडोजर चलवा दिया. जबकि नियम कहता है कि घर गिराने के लिए बाकायदा सात दिनों का नोटिस देना होता है, ताकि मकान मालिक घर खाली कर अपनी दूसरी व्यवस्था कर सके.
38 लाख का नुकसान
लेकिन, अंतोडा ग्राम पंचायत ने ऐसा कुछ नहीं किया. नियम-कानून को धता बताते हुए सीधे मोहड के घर पर बुलडोजर चलवा दिया. मोहड के घर में सोयाबीन, चना, तुअर के 110 बोरे, एक मोटरसाइकिल, कृषि उपयोगी उपकरण और अन्य जीवनावश्यक वस्तुएं टूट-फूट गई, बरबाद हो गई. उनका कुल नुकसान 38 लाख का हुआ. मजे की बात यह कि घटना के समय मोहड घर पर नहीं थे. मोहड ने नुकसान भरपाई देने और ग्राम पंचायत के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है.
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