Published On : Mon, Jun 16th, 2014

रामटेक : रामलाल मृत्यु-प्रकरण की जांच सीआईडी करे

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विधायक आशीष जायसवाल की मांग

रामटेक

CID
देवलापार पुलिस स्टेशन के तहत ग्राम वरघाट के वृद्ध आदिवासी रामलाल आत्राम की मौत के मामले की जांच सीआईडी से कराने की मांग इस क्षेत्र के विधायक आशीष जायसवाल ने की है. उन्होंने कहा है कि पुलिस जांच में रामलाल की मृत्यु का सच सामने नहीं आ सकता. इसलिए जांच सीआईडी के सुपुर्द की जाए. इस मामले में नागरिकों का आरोप है कि रामलाल की मृत्यु पुलिस की बेदम पिटाई से हुई है, जबकि पुलिस इसे आत्महत्या- प्रकरण बता रही है.

चोरी भी, सीनाजोरी भी
उल्लेखनीय है कि विगत दिनों देवलापार पुलिस स्टेशन के एक उपनिरीक्षक सहित 6 पुलिसकर्मी वरघाट से गुजर रहे थे. गुजरते समय एक पुलिस कर्मी की बाइक का चक्का रास्ते के किनारे खड़े रामलाल के पैर को लग गया. दर्द से बेहाल रामलाल ने कहा-दिखता नहीं क्या ? बस फिर क्या था. पुलिस हैवानियत पर उतर आई. रामलाल की वहीँ पर पिटाई की गई.

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5000 रुपया मांगा
पुलिस इसके बाद 65 वर्षीय रामलाल को थाने ले आई और उस पर शराब बिक्री का आरोप लगाते हुए 5000 रुपयों की मांग की. रामलाल के पैसा नहीं दे सकने के कारण फिर उसकी पिटाई की गई. रात भर उसे थाने में रखने के बाद सुबह गांव में ले जाकर छोड़ दिया गया. कुछ समय बाद फिर पुलिस उसके घर पहुंची और रुपया मांगा. नहीं देने पर फिर रामलाल की पिटाई की गई. उस वक्त रामलाल घर में अकेला था. उसकी नेत्रहीन पत्नी अपनी इकलौती बेटी के घर गई हुई थी. कुछ देर बाद ही रामलाल की फांसी लगी लाश मिली.

प्रदर्शन, चक्का जाम
इस घटना से गांव में तीव्र असंतोष व्याप्त है. नागरिकों ने घटना के विरोध में प्रदर्शन किया, चक्का जाम किया. तब पुलिस उपनिरीक्षक का तबादला कर दिया गया और पुलिस कर्मियों को निलंबित. नागरिकों का आरोप है कि पुलिस ने पांच हजार रुपयों के लिए रामलाल की पिटाई की. जब उनकी मौत हो गई तो फांसी से लटका दिया. इसके साथ नागरिकों का सवाल है कि जब रामलाल का कोई गुनाह नहीं था तो उसे थाने क्यों ले जाया गया ? फिर छोड़ क्यों दिया गया ? दूसरे दिन फिर घर में घुसकर पिटाई क्यों की गई ? ऐसे कई सवालों के जवाब नागरिक मांग रहे हैं.

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