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यवतमाल
जिला परिषद, पंचायत समिती और नगरपरिषद के युती तोड़ने का आदेश शिवसेना नेता दिवाकर रावते ने कुछ दिन पहले यवतमाल आकर दिया था. सोमवार को सबसे पहले जिला परिषद में सत्ता स्थापना के लिए राष्ट्रवादी को दिया अपना समर्थन शिवसेना ने वापस ले लिया है. इस बारे में अधिकृत पात्र शिवसेना सदस्यों ने जिलाधिकारी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला परिषद अध्यक्ष को दी है.
दरअसल विकास काम करते वक्त सेना सदस्यों को विश्वास में नहीं लिया जाता और महज़ उनका इस्तेमाल किया जाता है ऐसा आरोप सेना की ओर से आयोजित पत्र परिषद में लगाया गया है.
अब सेना की ओर से समर्थन वापस लेने की वजह से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व समिति समिति सभापति ने बहुमत गवां दिया है. आगे किसी भी विषय को मंजूरी देने के पहले बहुमत सिद्ध किए जाने की मांग सेना कार्यकर्ताओं ने की है.
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