मेहकर पुलिस में शिकायत दर्ज, पिता की जांच और कार्रवाई की मांग
मेहकर
निजी डॉक्टर के गलत उपचार के चलते एक 9 वर्षीय बच्ची को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. इतना ही नहीं, डॉक्टर ने बच्ची की मृत्यु के बाद उसे जानबूझकर इलाज के नाम पर दूसरे डॉक्टर के पास भिजवा दिया था, ताकि वह बच सके. वहीं, बच्ची की मृत्यु की घोषणा की गई. बच्ची के पिता विजय मोरे ने इस संबंध में मेहकर पुलिस में मामला दर्ज कराया है और डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.
इलाज के नाम पर खेल
प्राप्त जानकारी के अनुसार लोणार तालुका के ग्राम सुल्तानपुर में विजय मोरे की बेटी प्रमिला को बुखार आने पर पिता उसे 12 जुलाई को मेहकर के डॉ. विलास वर्हाड़े के दवाखाने में लेकर गए थे. डॉ. वर्हाड़े ने बच्ची की जांच कर उसे सलाइन चढ़ा दिया. साथ ही रक्त का नमूना जांच के लिए पैथोलॉजी लैब में भेज दिया. वहां से दोपहर एक बजे आई रिपोर्ट के बाद डॉक्टर ने कहा कि प्रमिला को मलेरिया हुआ है. डॉक्टर ने मलेरिया का उपचार भी शुरू कर दिया. मगर विजय मोरे के ध्यान में यह बात आने पर कि रिपोर्ट में तो मलेरिया निगेटिव बताया गया है, उसने डॉक्टर के ध्यान में यह बात लाई.
डॉक्टर का अमानवीय कारनामा
इधर, इलाज के बावजूद प्रमिला की हालत बिगड़ती जा रही थी. डॉक्टर ने कहा कि प्रमिला का उपचार जारी है, वह ठीक हो जाएगी. इस बीच, उसी दिन दोपहर बाद करीब सवा 3 बजे प्रमिला ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया. फिर भी डॉ. विलास वर्हाड़े ने विजय मोरे को आॅटो लाकर दिया और कहा कि इसे तत्काल डॉ. खुरद के यहां लेकर जाओ. डॉ. खुरद के यहां लेकर जाने पर उन्होंने बच्ची को मृत घोषित कर दिया.
डॉक्टर ने लैब की रिपोर्ट बदली
मोरे ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि डॉ. वर्हाड़े ने बच्ची की मृत्यु के बाद लैब की रिपोर्ट बदल दी है. मोरे ने पूरे मामले की जांच कर आरोपी डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है.