Published On : Mon, Jun 2nd, 2014

नागपुर : भाजपा में जाएंगे कांग्रेस नेता दत्ता मेघे; विस सीटों पर पुत्रों को मिलेगा टिकट!

Datta-Megheनागपुर न्यूज

चार बार लोक सभा सांसद रहे महाराष्ट्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दत्ता मेघे अब जल्द ही भाजपा में प्रवेश करने की तैयारी में हैं. हाल ही में संपन्न हुए लोक सभा चुनाव में वर्धा लोक सभा सीट से अपने पुत्र सागर मेघे की करारी हार के बाद इस वरिष्ठ कांग्रेस नेता का अपनी पार्टी से मोहभंग हो गया है. सूत्र बताते हैं कि हाल ही में केन्द्रीय भूतल परिवहन और जहाजरानी मंत्री बने वरिष्ठ भाजपा नेता नितिन गडकरी से उनके करीबी संबंधों के चलते अब वे कांग्रेस छोड़ने का मन बना चुके हैं.

दोनों पुत्र होंगे चुनाव मैदान में!
सूत्रों ने बताया कि जल्द ही दत्ता मेघे इस संबंध में गडकरी से मिलेंगे और अपनी स्थिति स्पष्ट करके भाजपा में अपने प्रवेश की घोषणा कर सकते हैं. बताया जा रहा है कि मेघे आगामी विधान सभा चुनावों में अपने दोनों पुत्रों समीर एवं सागर के लिए नागपुर की अलग-अलग सीटों से भाजपा के टिकट पक्के करना चाहते हैं.

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सागर के लिए दक्षिण नागपुर या पश्चिम!
हालांकि सागर के दक्षिण नागपुर से लड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन भाजपा-शिव सेना सीट बंटवारे के तहत दक्षिण नागपुर की सीट शिव सेना के कोटे में होने से थोड़ी मुश्किल आ रही है. सूत्र बताते हैं कि यदि शिव सेना सागर मेघे के लिए अपनी सीट छोड़ने के लिए राजी नहीं होती है तो फिर सागर को पश्चिम नागपुर से चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है. गौरतलब है कि पश्चिम नागपुर के भाजपा विधायक पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वे इस बार विधान सभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. ऐसे में यदि सागर के लिए दक्षिण नागपुर की सीट खाली नहीं हो पाती है तो उन्हें पश्चिम नागपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है.

समीर की नजरमध्य नागपुरपर
सूत्र बताते हैं कि दत्ता मेघे अपने छोटे पुत्र समीर के लिए मध्य नागपुर विधान सभा सीट से भाजपा का टिकट चाहते हैं. हालांकि इस सीट पर पहले ही दयाशंकर तिवारी, प्रवीण दटके और गिरीश व्यास जैसे भाजपा नेता पहले ही अपनी दावेदारी पेश कर चुके हैं. गौरतलब है कि भाजपा नेता विकास कुंभारे इस सीट पर वर्तमान विधायक हैं. ऐसे में मध्य नागपुर सीट से समीर को टिकट मिल पाना टेढ़ी खीर है.

सीएम का मान मनौव्वल
सूत्रों का कहना है कि दत्ता मेघे के पार्टी छोड़ने की अटकलों के बीच मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भी मेघे को मनाने की कवायद छेड़ दी है. उन्होंने कथित रूप से मेघे से जल्दबाजी में कोई भी निर्णय न लेने का अनुरोध किया है. लेकिन बताया जा रहा है मेघे जिस तरह से उन्हें महाराष्ट्र के मंत्री रणजीत कांबले द्वारा अपमान सहना पड़ा और जिस अंदाज में प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे ने उनकी अनदेखी की, उससे मेघे खासे नाखुश हैं.

पनप रहा था असंतोष
शिक्षा क्षेत्र के दिग्गज के रूप में विख्यात दत्ता मेघे ने कांग्रेस के केन्द्रीय स्तर पर यह मामला पहुंचाया था. उन्होंने पार्टी में खुद को दरकिनार किए जाने के संबंध में आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्टÑ प्रभारी महामंत्री मोहन प्रकाश समेत मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ पार्टीजनों से भी बात की थी लेकिन हर अवसर पर उन्हें निराशा ही हाथ लगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जब हाल ही में वर्धा आर्इं थी तो कथित रूप से मेघे को उनका स्वागत करने के लिए पास भी नहीं दिया गया था, जबकि वे उस समय वहां के वर्तमान सांसद थे.

मेघे की ताकत से वाकिफ हैं गडकरी
मेघे और गडकरी के बीच संबंध हमेशा ही मधुर रहे हैं. ऐसी स्थिति में जब उन्हें कांग्रेस में निराशा का सामना करना पड़ रहा है तो उन्होंने अपने समर्थकों के बीच यह संदेश देना शुरू कर दिया कि कांग्रेस में उनका कोई भविष्य नहीं है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस और राकांपा के अनेक नेता लगातार मेघे के संपर्क में हैं और वे सभी भाजपा में प्रवेश करने का मन बना चुके हैं. गडकरी इस ताकत का अंदाजा लगा चुके हैं और अब वे भी मेघे और उनके समर्थकों का अपनी पार्टी में स्वागत करने के लिए तैयार हैं.

भाजपा से भाजपा तक का सफर

एक  समय राकांपा के प्रमुख शरद पवार के विश्वस्त रहे दत्ता मेघे ने वर्ष 2008 में राकांपा छोड़कर कांग्रेस में प्रवेश किया था. इससे पहले वे भाजपा के महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं. उन्हें कांग्रेस ने वर्धा से लोक सभा टिकट भी दिया था. वे नागपुर और वर्धा लोक सभा के सांसद रह चुके हैं. हाल ही में उन्होंने अपनी वर्धा सीट से अपने बेटे सागर मेघे को चुनाव लड़वाया था जिन्हें भाजपा के रामदास तडस ने भारी बहुमतों से हरा दिया.

देशमुख बंधु भी आएंगे नजर
जहां दत्ता मेघे के दोनों पुत्र विधान सभा चुनाव में भाग्य आजमाते नजर आएंगे, वहीं आशीष देशमुख भाजपा के टिकट पर सावनेर से चुनाव लड़ने की ख्वाहिश रखते हैं और उनके छोटे भाई अमोल देशमुख रामटेक विधान सभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं.

 

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