२१ मार्च विश्व वानिकी दिवस वन्य प्रेमियों के लिए ख़ास मौका ले कर आया. नागपुर और भंडारा जिले के वन क्षेत्र को मिलकर नवनिर्मित उमरेड कर्हांडला वन्यजीव अभयारण्य के पवनी रेंज से खापरी गेट का उद्घाटन कर निसर्ग पर्यटन के लिए गाड़ियां रवाना की गयी. ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन में पहले ही अपनी छाप छोड़ चुके भंडारा जिले की पवनी तहसील में निसर्ग पर्यटन को वनविभाग के इस कदम से बढ़ावा मिलेगा |
इस अवसर पर नागपुर के मानद वन्यजीव संरक्षक रोहीत करू, सहायक वन संरक्षक (वन्यजीव) काले, क्षेत्र वन अधिकारी गायकवाड उपस्थित थे | उपस्थित गाड़ियों की पूजा कर और नारियल फोड़ कर कुल ४ गाड़ियों को पहले दिन खापरी गेट से प्रवेश दिया गया |
नागपुर टुडे से बातचीत के दौरान मानद वन्यजीव संरक्षक रोहीत करू ने बताया की खापरी गेट से एक सफारी के लिए कूल १२ गाड़ियों को प्रवेश दिया जायेगा | पर्यटकों को मार्गदर्शन देने के लिए आसपास के गावों से १२ युवाओं को चुनकर उन्हें प्रशिक्षित किया गया है | पहली सफारी का समय सुबह ६.३० से लेकर ११ बजे तक और शाम की सफारी का समय दोपहर २.३० से लेकर ६ बजे तक है जो की सम्पूर्ण महाराष्ट्र में एक जैसा है | गाइड फीस और प्रवेश फीस भी महाराष्ट्र के वन्यजीव अभ्यारण्यों की तर्ज पर ही रखे गए हैं | इस अभयारण्य में झोन न होने के वजह से पर्यटकों को मुक्त संचार करने का लाभ मिल रहा है | पवनी का साप्ताहिक बाज़ार शनिवार के दिन रहने की वजह से इस दिन पार्क पर्यटकों के लिए बंद रहेगा |
रोहित ने आगे बताया की उमरेड कर्हांडला का कुल क्षेत्र १८९ वर्ग किमी है जिसमें ७० वर्ग किमी क्षेत्र पवनी रेंज का है | पवनी रेंज मुख्यतः नदी के पूर्व का क्षेत्र है | खापरी का सफारी मार्ग ३२ किमी का है और इस मार्ग पर जल के नैसर्गिक स्त्रोते मौजूद हैं जिनमे खापरी ताल, गायडोंगरी, थाना, बंसरा, मालई और गोसेखुर्द का काफी सारा बैकवाटर्स मौजूद है |
गेट से पर्यटन की सुरुवात होने के २४ घंटे के अन्दर ही यहाँ की सफारी बुकिंग ‘ऑनलाइन’ कर दी गयी है | सफारी के लिए https://mahaonline.gov.in/NationalPark/MahaNationalPark/Availability.aspx लिंक पर क्लिक कर पर्यटक इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं | रुकने तथा खान पान की व्यवस्था के लिए भी वन्यजीव विभाग प्रयासरत है |
जानेमाने वन्यजीव फोटोग्राफर वरुण ठक्कर ने नागपुर टुडे से बातचीत के दौरान बताया की पहला दिन होने के बावजूद यहाँ के रस्ते अप्रत्याशित रूप से अच्छे बनाये हुए लगे और वन विभाग ने काफी अच्छा काम किया है | ३२ किमी लम्बी इस सफारी में ३ घंटे कैसे गुजर जाते हैं पता भी नहीं चलता | पक्षी अभ्यास के लिए भी यह जगह महत्वपूर्ण है ऐसा उन्होंने बताया | वरुण ने बताया की उन्हें ख़ास बात यहाँ का उत्तम प्रशासन और अनुशासन लगा और हर निरिक्षण कुटी पर वनमजूर और वनरक्षक की तैनाती दिखी |