यूनियन-प्रबंधन के अड़ियल रवैय्ये से मजदूरो को भूखों मरने की नौबत
शनिवार से कंपनी गेट के पास अनशन पर बैठे मजदुर
नागपुर
उद्योग-धंधे में मालिक और कर्मचारी यूनियन की टसल के कारण कंपनी-उत्पाद-मजदूरों का अच्छा-खासा नुकसान होता रहा है. दोनोँ के अड़ियल रवैय्ये से मजदूरों पर भूखों मरने की नौबत आन पड़ी है. इस संदर्भ में सम्बंधित सरकारी महकमे सहित क्षेत्र के विधायक को जानकारी होने के उनकी चुप्पी कारण मजदूरो का भला नहीं हो पा रहा,जिससे छुब्ध होकर कंपनी के मजदूरो ने न्याय हेतु आज से हड़ताल शुरू की,यह घटना कामठी रोड पर स्थित मोहम्मद अली पेट्रोल पंप के सामने अंकित पल्स एंड पेपर प्रा लिमिटेड की है.
फार्मसूटिकल पाउडर और दवा निर्माण के लिए कच्चा माल निर्माण करने वाली अंकित पल्स एंड पेपर प्रा लिमिटेड में कार्यरत मजदूरो ने अपने साथ होने वाले अन्याय को लेकर कई दफे कंपनी प्रबंधन से चर्चा की लेकिन कोई सकारात्मक हल जब नहीं निकला तो मजदूरो ने भारतीय जनता पार्टी कामगार महासंघ से संपर्क कर उन्हें न्याय दिलवाने हेतु गुहार लगाई. मजदूरो का दर्द देखकर महासंघ के जिलाध्यक्ष सोनू शर्मा ने बताया कि कंपनी संचालक अनिल अग्रवाल और राजेश अग्रवाल ने कंपनी के मस्टर पर 50 करीबी मजदूरो को दर्शाया है,वैसे लगभग 200 मजदुर कार्यरत थे.कंपनी संचालक मजदूरो का प्रोविडेंड फंड में जमा करने वाली राशि में कंपनी का हिस्सा भी मजदूरो के वेतन से काट कर जमा किये जाने का सिलसिला जारी है. ESIC का भी शेयर कंपनी संचालक मजदूरो के वेतन से काट कर जमा करवाते रहा है.मजदूरो को न्यूनतम वेतन से भी बहुत ही कम वेतन देकर काम करवाया जा रहा है.
शर्मा ने आगे कहा कि कंपनी मजदूरो की शिकायत प्राप्त होते ही महासंघ ने कंपनी संचालक से कई दौर की बैठकें कर मसला सुलझाने का प्रयास किया लेकिन लेकिन असफलता हाथ लगी.अंत में इससे छुब्ध होकर शनिवार 28 जून से मजदूरो में कंपनी के सामने हड़ताल पर बैठ गए,अगर मंगलवार तक कंपनी ने मजदूरो के हित में कोई ठोस निर्णय नहीं लिया तो आगे की रुपरेखा के लिए कल रविवार 29 जून को होने वाली बैठक में रणनीति तय की जाएगी.
सूत्रों की माने तो मजदूरो ने बदसुलूकी करने वाले कंपनी के 3 लोगो के खिलाफ यशोधरा नगर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवा चुके है.मामला तपता देख मध्यस्थों के माध्यम से सुलझाने की कोशिश की गई लेकिन असफल रही,कंपनी का यह तर्क सामने रखा कि उक्त मजदूरो ने 70 लाख रूपए का बायलर का नुकसान किया,इसके अलावा पैकिंग के वक़्त मटेरियल में मजदूरो ने कार्बन मिलाई,जिससे लगभग 80 लाख का माल रिजेक्ट हो गया.ऐसे नुकसान पहुँचाने वाले कर्मचारियों को पुनः काम पर लेना हमारी मंशा नहीं है.
कहने को तो कंपनी हड़ताल के कारण पिछले 8 दिनों से बंद है लेकिन कंपनी प्रबंधन 50 मजदुर जिन्हे मस्टर पर दर्शाये एवं 50 कॉन्ट्रैक्ट लेबर के जरिये फैक्ट्री में निर्माणकार्य जारी है.
महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष टेकचंद सावरकर का कहना है कि उक्त मामला स्थानीय है,इसको क्षेत्रीय संगठन पदाधिकारी संभाल रहे है, अभी तक हमारी राय नहीं मांगी गई ,जब ज्यादा दबाव बनेगा तब हमारी भूमिका शुरू होगी. इस मामले की जानकारी क्षेत्र के विधायक चंद्रशेखर बावनकुले को भी जानकारी है लेकिन अभी तक मजदुर हित में कोई पहल नहीं हो पाई.