Published On : Wed, Apr 23rd, 2014

नवेगांव : पर्यटन संकुल परिसर में पर्यटकों के लिए प्रवेश शुल्क शुरू

Advertisement

एफ.डी.सी.एम की कारगुजारी, पर्यटक नाराज 

नवेगांव बांध.

नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान संकुल परिसर में आनेवाले पर्यटकों एवं गांववासियों से वाहन शुल्क वसूल करने का काम महाराष्ट्र वन विकास महामंडल ने शुरू कर दिया है. इस वजह से पर्यटकों और ग्रामवासियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए प्रवेश शुल्क खत्म करने की मांग की है.

Gold Rate
15 july 2025
Gold 24 KT 98,200 /-
Gold 22 KT 91,300 /-
Silver/Kg 1,12,500/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान पर्यटन संकुल परिसर पहले वन्यजीव विभाग के अधिकार क्षेत्र में था. इसमें बालोद्यान, उपहारगृह, हॉलिडे होम्स, यूथ हॉस्टल, संजय कुटी, हिलटॉप गार्डन, पक्षी निर्वचन केंद्र आदि का समावेश है. ये सारे के सारे बहुत बुरी हालत में हैं. गत वर्ष संकुल परिसर वन विकास महमंडल को सौंपा गया. वन विकास महामंडल ने अब यहां आने वाले वाहनों से शुल्क वसूलने काम शुरू कर दिया है. इस में दुपहिया वाहन के लिए 10 रुपए, चार पहिया वाहन के लिए 35 रुपए तथा बस के लिए 100 रुपए वसूल करने का काम पिछले 25 मार्च से शुरू किया गया है. इस काम के लिए महामंडलने अपने कर्मचारी लगाए हैं. संकुल परिसर के प्रवेशद्वार की चौकी में प्रवेश शुल्क वसूली जाती है.

Pic-11

संकुल परिसर के गार्डन का अभी लोकार्पण भी नहीं हुआ है और न वहां की हालत में सुधार किया गया है. वह हमेशा बंद रहता है. बालोद्यान के खेलने के सभी संसाधन पूर्णत: टूटे हैं. दुर्घटना होने के डर से वहां कोई बालक खेलते नजर नहीं आते. पक्षी निर्वचन केंद्र की जगह पर पर्यटकों के लिए तंबु बनाया गया है. हिलटॉप गार्डन की हालत खराब होने से वहां कोई आता जाता नहीं. जिस जगह पर संकुल परिसर अस्तित्व में है, वह जगह वन्यजीव विभाग तथा एफ.डी.सी.एम के मालकी की नहीं. जिस तालाब के किनारे पर्यटक टहलते हैं, वह तालाब भी एफ.डी.सी.एम का नहीं है. संकुल परिसर के चिता व अन्य प्राणियों के लिए अनाथालय अभी तक वन्यजीव विभाग के अधिकार क्षेत्र में ही है. ऐसा होने पर भी पर्यटकों और गांववासियों से वहां पर प्रवेश शुल्क वसूला जा रहा है, यह सही नहीं है.

गत अनेक वर्षों से संकुल परिसर के सौंदर्यीकरण की मांग विविध संगठनों से तथा स्थानीय नागरिकों की ओर से हो रही है. लेकिन इस बात को प्रशासन नजर अंदाज कर रहा है. परंतु पर्यटकों की जेब काटने का काम तुरंत शुरू कर दिया गया है.

यहां पर्यटकों के लिए सुविधा होती और उसके बाद प्रवेश शुल्क लिया गया होता तो पर्यटक तथा नागरिक नाराज नहीं होते. लेकिन कुछ पर्यटक आ रहे हैं, तालाब के किनारे टहल रहे हैं और कुछ नहीं है देखने लायक, ऐसा बोल कर गाली गलौच कर निकल जाते हैं. ऐसे पर्यटकों से शुल्क वसूली की जा रही है. इस बारे में कई लोगों ने नाराजगी व्यक्त की है और यह प्रवेश शुल्क बंद करने की मांग की है.

वताया जाता है कि प्रवेश शुल्क वरिष्ठ अधिकारियों के आदेश से किया जा रहा है. लेकिन कौन से वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रवेश शुल्क दिया है. यह अभी तक वन विकास मंडल के कर्मचारियों ने बताया नहीं है. आरोप है कि कुछ पर्यटकों को तथा गांववासियों को रसीद दी जाती है तो कुछ लोगों को रसीद ही नहीं दी जाती. पर्यटक सुविधाओं के अभाव के कारण संकुल परिसर पर पहले से ही लोगों में नाराजगी है और उनको नाराज करने का काम यह प्रवेश शुल्क कर रहा है. लोगों को आशंका है कि इस में कुछ घोटाला है. उनकी मांग है कि इसकी वरिष्ठों को जांच करनी चाहिए और तत्काल प्रवेश शुल्क बंद कराना चाहिए.

File Pic

File Pic

Advertisement
Advertisement