तलेगांव
तलेगांव के जंगल के जुनोना चुनाभट्टी परिसर में सडी-गली अवस्था में चीते का बगैर मुंडी का मृतदेह मिला. इस वजह से वनविभाग में खलबली मच गई है.
मिली जानकारी के अनुसार 25 जुलाई को मौजा जुनोजा परिसर के किसान प्रविण लक्ष्मणराव बहिरमकार (30), सुधाकर वामनराव मांढके (50) व वसंत वामनराव मांढके (54) पर खेत में काम करते दौरान चीता ने हमला बोल दिया था. इसमें यह तीनों किसान जख्मी हुए थे. इस वजह से इस परिसर में वनविभाग ने ज्यादा कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात किये थे. 1 अगस्त को क्षेत्र सहायक देशमुख व वनरक्षक ढाले सुबह 6 बजे के दौरान जुनोना परिसर में ड्यूटी पर थे जब उन्हें मांढके के खेत के समीप बदबू आने से खेत की जाँच की गई.
इस दौरान बगैर मुंडी का चीते का मृतदेह सडी अवस्था में मिला. वनरक्षक ढाले ने तुरंत घटनस्थल से वरिष्ठ अधिकारी को इसकी जानकारी दी. खबर मिलते ही वनपरीक्षेत्र अधिकारी व्ही. व्ही. तलणीकर अपने सहकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. साथ ही उपवनसंरक्षक मुकेश गणात्रा, सहाय्यक उपवनरक्षक मोरेश्वर बोरिकर, सहाय्यक उपवनरक्षक वाघमारे ने घटनास्थल की जांच की.
घटनास्थल पर ही चीते का पोस्टमार्टम किया गया. उसके बाद चीते को जलाया गया. इस दौरान वनविभाग के कर्मचारी विजय सुतोने, मारोतराव मडावी, भरद्वाज कापगते, मारूति धामंदे, अंभोरे, इंगले उपस्थित थे.