Published On : Fri, Oct 19th, 2012

डा. आम्बेडकर के नाम पर देश में एकमा˜ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा …उड़ान सिर्फ एक नेता चाह लें, तो दुनिया से हो जाएगी कने€िटविटी – Nav Bharat

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नागपुर. देश ही नहीं एशिया के हृदय स्थल में बसे आरेंज सिटी नागपुर की पहचान अब जरूर अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में हो गई है. अब तो टायगर केपिटल ने जहां पर्यटन की दृष्टि से भी इस शहर का महˆव बढ़ा दिया है वहीं मिहान के चलते दुनिया भर की नजरें इस शहर पर पड़ी हैं. यहां के एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा भी दिया गया है. इतना ही नहीं देश के संविधान के रचयिता डा. बाबासाहब आंबेडकर के नाम पर देश का यह एकमा˜ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है लेकिन हास्यास्पद यह है कि यहां अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के नाम पर सिर्फ शारजाह के लिए एक उड़ान एयर अरबिया की ही है. दर्जा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का और अंतरराष्ट्रीय उड़ान सिर्फ एक! शारजाह के अलावा यदि यहां के किसी नागरिक को दुनिया भर के अ‹य देशों में जाना हो तो उ‹हें पहले मुंबई जाना होता है जिससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी होती है. रोजाना 4000 या˜ाी पिछले वर्ष इस एयरपोर्ट से 1377039 या˜िायों ने आना-जाना किया था. यानी लगभग 4000 या˜ाी रोजाना इस एयरपोर्ट से आते-जाते हैं. हर वर्ष हवाई या˜ाा करने वालों की संख्या में तेजी से इजाफा होता जा रहा है. इनमें ऐसे या˜िायों की संख्या हजारों में है जो सिंगापुर मारिशस मलेशिया मस्कट दुबई हांगकांग बैंकाक जापान सहित अ‹य देशों की या˜ाा करते हैं. लेकिन उ‹हें यहां से पहले मुंबई जाना पड़ता है और वहां से वे उन देशों की फ्लाइट पकड़ते हैं. पिछले वर्ष यानी वर्ष 2011-12 में इंटरनेशनल रूट पर आने-जाने वाले या˜िायों की संख्या 38700 थी. 2005 में दिया था बाबासाहब का नाम एयरपोर्ट अथारिटी ने नागपुर एयरपोर्ट को 2005 में डा. बाबासाहब आंबेडकर का नाम दिया था. संविधान निर्माता का नाम तो इस अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को दे दिया गया लेकिन उनके नाम की गरिमा बरकरार नहीं रखी गई. व्यापारियों उद्योगपतियों को सबसे अधिक परेशानी हो रही है. शारजाह के अलावा एक भी अंतराष्ट्रीय उड़ान यहां से नहीं है जबकि या˜ाी संख्या के लिहाज से नागपुर देश के सबसे व्यस्त हवाई अड्डों की सूची में 17वें स्थान पर भी आ गया है. 95 वर्ष का है इतिहास 1917-18 में प्रथम विश्व युद्ध के समय इस एयरपोर्ट का निर्मा‡ा किया गया था. 1942 के आसपास द्वितीय विश्व युद्ध के समय एयरपोर्ट की पुरानी इमारत का नवीनीकर‡ा किया गया. लगभग 95 बरस पुराना है इस एयरपोर्ट का इतिहास लेकिन अब तक यह ƒारेलू उड़ानों तक ही सीमित करके रख दिया गया है. शारजाह को छोड़ दें तो यहां से एयर इंडिया गो एयर इंडिगो जेट एयरवेज व जेटलाइट की लगभग 50 ƒारेलू उड़ानें प्रतिदिन मुंबई दिल्ली कोलकाता बंगलुरू नांदेड़ पु‡ो गोवा इंदौर हैदराबाद भोपाल की भरी जाती हैं. सुविधाओं की कोई कमी नहीं एयरपोर्ट में 10600 फिट का रनवे है जो 450 किमी. के रेंज में नागपुर के अलावा कहीं उपलŽध नहीं है. बड़े एयरक्राफ्ट की लैंडिंग के लिए उपयु€त है. नागपुर के आकाश से रोज देश-विदेश के 450 विमान उड़ान भरते हैं. मतलब नागपुर रूट में आता है. या˜िायों की कोई कमी नहीं. व्यापारियों का कहना है कि यदि सिंगापुर थाईलैंड मारिशस मलेशिया बैंकाक की उड़ानें शुरू की गईं तो या˜िायों को मुंबई जाने की मजबूरी नहीं होगी. जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व्यापार व उद्योग जगत से जुड़े लोगों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा ƒाोषित होने के बाद लगा था कि यहां से देश के किसी भी हिस्से के लिए उड़ानें उपलŽध होंगी लेकिन ऐसा नहीं होना दुर्भा‚यजनक है. जनप्रतिनिधियों यहां तक कि यहीं के तˆकालीन उड्डयन मं˜ाी ने भी इस ओर Šयान नहीं दिया. सीधी उड़ानें नहीं होने के कार‡ा पैसे और समय की बर्बादी हो रही है. जल्द ही उड़ानें शुरू की जानी चाहिए