Published On : Mon, Sep 8th, 2014

चंद्रपुर : 7 लोगों को पेड़ पर चढ़कर गुजारनी पड़ी रात


जिले भर में भारी बारिश, 111 मकान ढहे

नदी-नाले उफान पर

chandrapur Baadh
चंद्रपुर

लंबे इंतजार के बाद आखिर पिछले हफ्ते भर से जिले में बारिश ने जोर पकड़ लिया है. शनिवार से शुरू हुई रिमझिम वर्षा सोमवार दोपहर बाद तक जारी थी. इस बारिश से शहर का जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. लगातार बारिश से जिले में 111 घरों के ढहने की खबर है. वर्धा नदी में आई बाढ़ में चराई के लिए गए 7 लोग फंस गए थे, जिन्हें बचाव दल ने बचा लिया.
ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक नदी-नालों में बाढ़ आने के कारण कई रास्ते कल दिन भर बंद रहे. शहरी इलाकों में बारिश के कारण जगह-जगह पानी जमा हो गया था, जिससे गणेश-विसर्जन के लिए जाने वाले लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.

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सड़कों पर से बह रहा पानी
रविवार को सुबह 8 बजे के दौरान दो घंटे हुई जोरदार बारिश से शहर के नाले उफान पर थे. अधिकांश रास्तों पर से पानी बह रहा है. इसके चलते वाहन चालकों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. आजाद बाग परिसर में तो दो से ढाई फुट पानी भर गया था. शहर के घुटकाला वार्ड, जयंती टॉकीज परिसर, आजाद बाग, नगीनाबाग, भिवापुर, बाबूपेठ, समाधि वार्ड क्षेत्र में पानी सड़क के ऊपर से बह रहा था. इंदिरानगर, कृष्णानगर और बाबूपेठ परिसर के कुछ घरों तथा सिस्टर कॉलोनी के कुछ घरों में भी पानी भर गया था.

7 पशु चराने वालों को बचाया
कलमना निवासी जनार्दन नेवारे, संभा तुलसीराम नेवारे, कोटीमक्ता निवासी सागर अर्जुन सोयाम सहित अन्य पशु चराने वाले वर्धा नदी के किनारे गए थे. लगातार बारिश के कारण वे लोग वहां फंस गए थे. सातों को पेड़ पर चढ़कर रात गुजारनी पड़ी.

जलाशय लबालब
दो दिन से लगातार हो रही इस बारिश से जिले के जलसंग्रह में भी भारी वृद्धि हुई है. इरइ बांध में जहां 82.80 फीसदी पानी भरा है, वहीँ दिन प्रकल्प में 100 प्रतिशत, आसोलामेंढ़ा में 65.10 %, घोड़ाझरी 48. 20 %, नलेश्वर 56. 60 %, चंदई प्रकल्प 80. 29 %, चारगांव प्रकल्प 98.71 %, अंमलनाला प्रकल्प 45. 49 %, लभानसराड प्रकल्प 81. 77 %, पकड़ीगुड्डम प्रकल्प 30. 01 %, डोंगरगांव प्रकल्प में 47. 34 % तक पानी भर गया है.

कपास के लिए खतरनाक
जलाशयों में जरूर पानी भर रहा है, लेकिन किसानों का कहना है कि बुआई के लिए भले ही ये पानी ठीक हो, लेकिन कपास के लिए ये पानी खतरनाक साबित हो सकता है.

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