भारतीय मजदुर संघ के संघर्ष का फल
सिमेंट वेज बोर्ड लागू करने के लिए व्यवस्थापन तैयार
राजुरा तालुका के मुरली सीमेंट कंपनी और भारतीय मजदूर संघ से संलग्न भारतीय कॉमेंट मजदूर संघ के बीच पुरे दो साल बाद एक द्विपक्षीय करार हुआ। इस करार के अनुसार, पहले टप्पे में ढाई सौ कर्मचारियों को स्थाई करने का निर्णय कंपनी की ओर से लिया गया है। इसी के साथ कंपनी ने सिमेंट वेजबोर्ड लागू करने का लिखित आश्वासन दिया है। इस निर्णय से मजदूरों के बीच ख़ुशी का माहौल है। पत्रकार परिषद के दौरान ये जानकारी दी गई।
इस समय भारतीय मजदुर संघ के जिला कोषाध्यक्ष प्रदीपकुमार वाजपेई, जिलामंत्री हंसराज गेडे, भारतीय सीमेंट मजदुर संघ के बंडू गेडाम, अतुल रामटेके, किसन साहू प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
गौरतलब है की नारंडा में मुरली सिमेंट कंपनी में 600 मजदूर अस्थाई रूप से काम कर रहे थे। कई बार कंपनी को समस्याएँ बताने के बावजूद मजूरों की ओर कंपनी अनदेखी कर रही थी। आखिर 1 से 11 मई तक मजदूरों ने भारतीय मजदूर संघ के नेतृत्वा नव काली फीत लगाकर आंदोलन शुरू किया। लगातार काम ख़त्म होने के बाद कंपनी के प्रवेशद्वार पर धरने और सम्भाषणों का आयोजन किया गया। इसपर भी जब सफलता नहीं मिली तब 20 मई से अन्नत्याग आंदोलन शुरू किया गया। इस आंदोलन में कंपनी के 99 प्रतिशत मजदूरों ने सहभाग लिया जिससे कंपनी की व्यवस्था चरमरा गई और 21 मई को भारतीय मजदूर संघ जिला कार्यालय में मुरली सिमेंट व्यवस्थापन के साथ द्विपक्षीय करार किया गया। इस करार के मुताबिक़ विजबोर्ड लागू करने, 1 अप्रैल से 10 हज़ार वेतन पाने 1750 रूपए और 10 से 15 हज़ार वेतन पाने वालों को 1250 से 1550 रूपए प्रतिमाह वेतन वृद्धि दी गई। 20 हज़ार वेतन पाने वालों को 750 रूपए वेतनवृद्धि दी गई। सरकार की ओर से घोषित महंगाई भत्ता के अलावा 100 रूपए अधिक देने का निर्णय लिया गया और द्विवार्षिक वेतन वृद्धि पर दोनों पक्ष सहमत हुए हैं। हर महीने कामगार संघटना से चर्चा करके प्रतिमाह समय समय पर आने वाली समस्या का समाधान करने और आरोग्य सुविधाओं पर भी सहमति हुई।