Published On : Fri, May 2nd, 2014

चंद्रपुर : ठेका पद्धत्ती पर नियुक्त परिचारिकाओं को सेवामुक्क्त करना अन्याय – विधायक मुनगंटीवार


चंद्रपुर


चंद्रपुर और गडचिरोली इन आदिवासिबाहुल्य नक्सलग्रस्त जिलों मे साल 2007 से स्वास्थय सेवा देने वाली ठेका पद्धत्ती पर नियुक्त परिचालिकाओं को उपसंचालक स्वास्थ्य सेवा नागपुर मंडल की ओर से सेवामुक्त किया गया है. विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने इसे परिचारिकाओं के उपर अन्याय बताते हुए उन्हे पर्ववत सेवा मे वापस लेने की मांग की है. मुनगंटीवार का ये भी आरोप है की इस कदम के काऱण मरीज़ों को भी परेशानियां हो रही है.

मुनगंटीवार ने अपनी मांग का निवेदन मुख्यमंत्री, सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री, आरोग्य विभाग के प्रधान सचिव और संचालक को पत्र द्वारा भेजा है. पत्र में मुनगंटीवार ने ये भी लिखा है कि महराष्ट्र मे स्वास्थ सेवाओं की स्थिति चिंतनीय है. विधकिय अधिकारी और परिचारिका पद बडी संख्या मे रिक्त होने के कारण मरीज़ों के हाल बेहाल हैं. ग्रामीण और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति और भी चिंतनीय है. और इन्ही क्षेत्रों मे अपनी सेवा निष्ठाभाव से देनेवाली परिचारिकाओं को सेवामुक्त करना इन परिचारिकाओं के साथ-साथ मरीज़ों पर भी अन्याय है.

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साल 2007 में कॉन्ट्रैक्ट पर 14 परिचारिकाओं को आरोग्य सेवा नागपुर मंडल नागपुर अंतर्गत नियुक्त किया गया. लेकिन तीन साल बाद ही अचानक उनकी नियुक्ती रद्द कर दी गई. इसको लेकर ये परिचारिकाएं न्यायालय गई. न्यायालय ने इन परिचारिकाओं को नियमित करने का आदेश दिया. इस फैसले को प्रशासन ने उच्च न्यायालय मे चैलेंज किया. उच्च न्यायालय के फैसले के अनुसार विभागीय चुनाव समिती के सामने परिचालिकाएं किसी भी लिखित पत्र के अभाव मे हाज़िर नहीं हो सकी. विभागीय चुनाव समिती के सामने हाज़िर नहीं होने के मुद्दे पर न्यायालय ने कहा की इन परिचारिकाओं को सेवा मे रहने का अधिकार नहीं है ऐसा कहते हूए सरकार को निर्णय लेने का आदेश दिया. विधायक मुनगंटीवार का कहना है की पसंचालक स्वास्थ्य सेवा नागपुर मंडल की ओर से इन परिचारिकाओं को सेवामुक्त करना नाजायज बात है और परिचालिकाओं के साथ अन्याय है और इन्हे जल्द से जल्द पद पर वापस नियुक्त किया जाना चाहिये.

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