Published On : Mon, Jul 28th, 2014

चंद्रपुर : जंग खाते पड़ी हैं 35 बैलगाड़ियां

Advertisement


किसान बैलगाड़ी उठाने को तैयार नहीं


मामला नागभीड पंचायत समिति का

चंद्रपुर

bailbandi
लोहे की बनी 35 बैलगाड़ियां नागभीड पंचायत समिति के प्रांगण में पिछले डेढ माह से जंग खाते पड़ी हुई है, कोई किसान इन बैलगाड़ियों को उठाने को तैयार नहीं है. अनुसूचित जाति-जनजाति के किसानों को सहायता पहुंचाने के उद्देश्य से बनाई गई इस योजना का किसानों की उपेक्षा से बंटाढार हो रहा है.

50 हजार में बैल, गाड़ी और कृषि उपकरण
किसानों की डांवाडोल आर्थिक स्थिति के मद्देनजर यह योजना बनाई गई थी. 50 हजार रुपयों की इस योजना में 30 हजार रु. में बैल, 15 हजार रु. में लोहे की मजबूत बैलगाड़ी और 5 हजार रुपए में कृषि उपकरण दिया जाना था. जिला परिषद के माध्यम से नागभीड़ पंचायत समिति को ये बैलगाड़ियां मिलीं भी, मगर खुले में पड़ी इन बैलगाड़ियों पर अब जंग लगने लगी है. जिन किसानों को इस योजना का लाभ लेना होता है, उन्हें हर वर्ष सितंबर माह तक अपना नाम दर्ज करवाना होता है. इसके बाद एक हजार रुपए का डीडी महाराष्ट्र कृषि उद्योग विकास महामंडल में जमा करना होता है. पंचायत समिति स्तर पर बारिश की शुरुआत में बैलगाड़ी भेजने की व्यवस्था जि़ला परिषद के माध्यम से की जाती है.

Gold Rate
29 May 2025
Gold 24 KT 95,000/-
Gold 22 KT 88,400/-
Silver/Kg 98,300/-
Platinum 44,000/-
Recommended rate for Nagpur sarafa Making charges minimum 13% and above

किसानों की दिलचस्पी हुई कम ?
नागभीड़ पंचायत समिति के अंतर्गत 35 किसानों ने अपना नाम दर्ज किया और जि़.प़. प्रशासन ने 90 प्रतिशत छूट देकर योजना क्रियान्वित की. 35 किसानों की ये बैलगाड़ियां डेढ माह पूर्व ही पंचायत समिति को रवाना की गईं थी, लेकिन किसानों ने ये बैलगाड़ियां अब तक उठाई नहीं हैं. इससे यह आशंका पैदा हुई है कि कहीं किसानों की दिलचस्पी इन बैलगाड़ियों में कम तो नहीं हो गई है ? वैसे, इस वर्ष जिले में बारिश की शुरुआत दो माह बाद हुई है. खेत के रुके हुए काम गत सात दिन में हुई बारिश की वजह से शुरू हो चुके हैं. इसके बावजूद सभी 35 बैलगाड़ियां आज भी वहीं खड़ी हैं. जिला परिषद के कृषि विभाग ने इस संदर्भ में किसानों से पत्र-व्यवहार भी किया, परंतु किसानों ने अभी तक अपनी बैलगाड़ियां नहीं उठाईं. यह योजना अनुसूचित जाति-जनजाति प्रवर्ग के लिए होने के कारण ये बैलगाड़ियां दूसरे किसानों को नहीं दी जा सकतीं.

सभापति का बैलगाड़ी ले जाने का आवाहन
पंचायत समिति के सभापति के़. जी़. मरस्कोल्हे ने कहा है कि किसानों की दयनीय अवस्था को ध्यान में रखकर सरकार ने यह योजना बनाई है. जिन किसानों की बैलगाड़ियां यहां आई हुई हैं वे केवल एक हजार रुपए का डीडी पंचायत समिति में जमा कर अपनी बैलगाड़ी ले जाएं. उन्होंने कहा कि इतने कम मूल्य पर बाजार में बैलगाड़ी और कृषि उपकरण नहीं मिलते.

Advertisement
Advertisement
Advertisement