Published On : Sat, May 3rd, 2014

गोंदिया : शहर वासियो के लिये शौचालय सुविधा का अभाव बना प्रश्र?

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रोज सुबह सैकड़ों की सं या में लोग करते है कवायद 

गोंदिया 
रोजाना नित्यकर्म के लिये शहर में नगर प्रशासन द्वारा शौचालयो की सुविधा दी गई है, उनमें से अधिकांश शौचालय बदहवास हो चुके है. जिनका उपयोग तो दुर उन्हे देखा भी नही जा सकता है. शहर में वर्तमान में बाजार परिसर में सार्वजनिक शौचालय चलाया जा रहा है, जबकि इसका उपयोग संपुर्ण बाजार परिसर को व्यवसायी तथा अन्य लोगो द्वारा किया जाता है. परंतु तादात जिस प्रकार से शौचालयो का उपयोग करती है वह अपर्याप्त मालुम पडती है. वहीं कचरा मोहल्ला परिसर में बनाया गया सुलभ शौचालय यहां के नागरीको की सुविधा के लिये बनाया गया है. जिसका उपयोग परिसर के लोग करते नजर आ रहे है. इन दोनो स्थानों को छोडकर शहर में कही भी शौचालय की पर्याप्त व्यवस्था नही है.
इंदिरागांधी स्टेडियम में ४ शौचालय किस काम के
शहर के अन्य वार्डो एवं स्थानो पर शौच की व्यवस्था न होने के कारण बाहर से आने जाने वाले लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ता है. इस समस्या का एकमात्र विकल्प इंदिरा गांधी स्टेडियम है जहां ४ शौचालय है, परंतु इन शौचालयो की अवस्था भी बदहाली में तब्दील हो चुकी है. इनमें से ३ तो पुर्ण रूप से बंद है और चौथा यह परिस्थतीयो में ही खुलता है. नगर प्रशासन विभाग ने वैसे तो कई वार्ड में शौचालय की व्यवस्था कर रखी है परंतु अन्य सभी शौचालय बीमार अवस्था में है. इन पर न ही किसी नगर सेवक ने ध्यान दिया है और न ही नगर परिषद के पास इस समस्या के लिये कोई फुर्सत है. शहर के बाजार स्थित शौचालय एवं कचरा मोहल्ला स्थित शौचालय का कार्य ठेेका पद्धती पर आबंटित किया गया है. साथ ही स्टेडियम के एक शौचालय को भी ठेकेदार को दे दिया गया है. यह किसी कार्यक्रम या विशेष अवसरो पर ही खोला जाता है.
स्टेडियम बना मैखाना, सुबह होते ही बोतल एवं कांच के टुकडे करते है रात का बयां 
शाम होते ही इंदिरा गांधी स्टेडियम बार में तब्दिल हो जाता है जहां शहर के असमाजिक तत्व आकर शराब का सेवन करते है. अंधियारे का फायदा उठाकर घंटो समय बिताने वाले असमाजिक तत्व इस स्थल को शराब का मैखाना बना चुके है. परंतु कई मौके पर तो पुलिस प्रशासन भी अपनी जि मेदारी से बचने का प्रयास करता नजर आता है. जबकि सभी जानते है कि यह परिसर शाम होते ही किस माहौल में बदल जाता है. लाईट की व्यवस्था न होने के कारण यहां इस प्रकार के कामो को अंजाम दिया जाता है. नगर प्रशासन द्वारा प्रकाश की व्यवस्था कराने की कवायद मई माह के मध्य से प्रारंभ की जाने वाली है. सुबह स्टेडियम में आने वालो के लिये शराब की बोतलो के कांच के टुकडे समस्या का कारण बन चुके है. खिलाडीयो को ही यहां की सफाई करना पडता है.
खुले में बैठने को होते है मजबुर
एक ओर शासन घर घर में शौचालय की सुविधा कराने हेतु योजनाओ एवं जागृती हेतु विज्ञापन में करोडो रूपये खर्च कर रहा है वही, झुग्गी, झोपडीयों में रहने वाले अधिकांश नागरीको के घरो में शौचालय की व्यवस्था न होने के कारण खुले में बैठने के लिये मजबुर होना पड़ता है. प्रशासन इस परिस्थितीयो से भी वाकिफ है परंतु किसी ने भी इस मामले को लेकर कोई सकारात्मक पहल नही की है. जबकि नगर प्रशासन द्वारा कई वार्ड में यह सुविधा काफि समय पहले से ही दे दी गई है. परंतु उचित रख रखाव तथा नागरीको की सहायता के अभाव में ये शौचालय सालो से बंद पडे है. कई स्थनों पर शौचालयों की अवस्था जर्जर हालत में पाई गई है. परंतु इन शौचालयों के संचालन पर ठेका पद्धती से कार्य का विचार किया जाना चाहीये. जिससे लोगों को खुले में बैठने की समस्या से निजात मिल सकेगी. परंतु वर्तमान में शहर में एक आधुनिक सुलभ शौचालय का पलेक्स की आवश्यकता है जिससे लोगो को शौच के लिये भटकने की आवश्यकता न पडे.

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राजन चौबे, जिला प्रतिनिधी