गोंदिया
नाग नदी के प्रदूषण से गोसीखुर्द बांध परियोजना का पानी प्रदूषित हो रहा है. पवनी तहसील के 25 गांव तथा भंडारा शहर के साथ अनेक गांवों का पानी प्रदूषित होने पर इस पर केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा स्थाई रूप से उपाय करने की मांग नागरिकों ने की है.
जानकारी के अनुसार शहर में बहने वाली नाग नदी में शहर का 345 से 265 एमएलडी गटर का गंदा पानी हररोज छोड़ा जाता है. यह नाग नदी अन्य चार नदी के साथ आंभोरा में वैनगंगा नदी को मिलती है. वैनगंगा का पानी विदर्भ के सबसे बड़ी गोसीखुर्दबांध में जमा हुआ है. नाग नदी के प्रवाह से गोसीखुर्द बांध परियोजना का पानी प्रदूषित हुआ है. गोसीखुर्द का पानी दूर-दूर तक तथा भंडारा शहर तक फैला है. इससे पूरा पानी प्रदूषित हो गया है.
पवनी तहसील के 25 गांव तथा भंडारा तहसील के अनेक गांवों का पानी प्रदूषित होने के प्रमाण मिले है. यहां के लोग अनेक रोगों से ग्रस्त है. नदी के किनारों के गांवों में मच्छरों की भारी मात्रा में पैदावार होने से मलेरिया, बुखार आदि रोगों का सामना जनता कर रही है.
इस जल प्रदूषण पर केंद्र तथा राज्य सरकार ने स्थायी रूप से उपाय खोजने की जरूरत है. नाग नदी का प्रदूषण रोकने के लिए नागपुर महानगर पालिका ने 1,328 करोड. रुपए का केंद्र सरकार को प्रस्ताव दिया था. वह पिछले वर्ष मंजूर हुआ, लेकिन अभी तक इस पर अमल न होने से नागनदी का प्रदूषण कम होने की बजाए उल्टे बढ़ रहा है.