न्यायालय के आदेश पर पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई
गोंदिया
आये दिनों नगरपरिषद किसी न किसी कारण को लेकर अखबारों की सुर्खियों में निरंतर बनी रहती है. इस मर्तबा न्यायालय की गाज गिरने से जालसाजी का मामला सामने आया है. गोंदिया के नगरपरिषद सीईओ सुमंत मोरे समेत 3 लोगो पर जालसाजी का मामला गोंदिया शहर थाने में दर्ज कर लिया गया है. न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने आरोपीयों के खिलाफ कार्रवाई की.
उक्त कार्रवाई से नगरपरिषद में खलबली मच गई. घोटाले के आरोप में घिरे शास्त्री वार्ड निवासी आरोपी सहायक नगर रचनाकर संतोष विठ्ठल ठवरे, न.प. के सीईओ सुमंत मोरे तथा सेवानिवृत्त सीईओ व मुंबई निवासी विजय एच.गोरे के खिलाफ धारा 409, 420, 468, 471, 477 के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने विठ्ठल ठवरे को जांच के लिये हिरासत में लिया है. शिकायतकर्ता मनोहर चौक निवासी प्रकाश रामदेव जायस्वाल ने गत दिनों जब सूचना अधिकार के तहत विठ्ठल ठवरे को जिन दस्तावेजों पर नियुक्ति मिली थी. उसकी जानकारी मांगी थी. जिसके बाद उन्हें जानकारी में संतोष ठवरे की नियुक्ति सहायक रचनाकर के रूप में वर्ष 1991 में ड्रा टमैन की डिग्री के आधार पर देने का मामला सामने आया. मंगलवार 29 अप्रैल को न्यायालय के आदेश के पश्चात आरोपीयों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया.
जानकारी में बताया गया कि सर्विस पुस्तिका पर डिग्री की जगह 10 वी बेसिक व डिप्लोमा उल्लेखीत है. साथ ही दो प्रकार जन्म प्रमाणपत्र जोडे जाने की भी जानकारी सूचना के अधिकार में सामने आई. पुलिस द्वारा की गई उक्त कार्रवाई से शहरवासियों में उत्सुकता है.