Published On : Thu, Jun 12th, 2014

गोंदिया : एंटी करप्शन ब्युरो के हत्थे चढ़ा एक और सरकारी मुलाजिम

Advertisement


उपअभियंता रिश्वत लेते गिरफ्तार


गोंदिया

भ्रष्टाचार से लिप्त प्रशासन का एक और मुलाजिम एंटी करप्शन ब्युरो के हत्थे चढ़ चुका है. हाल ही में एक और छापे में वनविभाग के एक कर्मचारी पर पखवाडे में ही कार्यवाही की गई है. परंतु प्रशासनिक कर्मचारीयों का प्रशासन के प्रति किसी भी प्रकार डर दिखाई नही दे रहा है, जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार गोंदिया एंटी करप्शन ब्युरो ने 11 जुन की सुबह लोहिया वार्ड, एन एम डी कालेज के पास किराये के मकान में रह रहे जिला परिषद सार्वजनिक बांधकाम विभाग के उपविभागीय अभियंता दिपक प्रभाकरराव परहाटे को पुलिस निरिक्षक प्रमोद घुगे ने सबदल सहित रंगेहाथ गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की है. जानकरी में बताया जा रहा है कि उपविभागीय अभियंता के घर से नगदी तथा बैंक खातो के माध्यम से 1 कारोड से भी अधिक की रकम बरामद की गई है. बैंक खातो को खंगालने पर गोंदिया के एक बैंक खाते से 14 लाख 57 हजार 292 रूपये, चंद्रपुर के खाते से 15 लाख 36 हजार 378 रूपये बरामद किये गये है. खातों में लाखों रूपये होने के संदेह से इन दोनो स्थानों के खातो को सिल कर दिया गया है. मामले की विस्तृत जानकारी में फिर्यादी की शिकायत पर यह बताया गया की रास्ते के खडीकरण के लिये मिले ठेके का काम पुर्ण हो जाने पर फिर्यादी ठेकेदार द्वारा काम पुरा करने पर काम का बिल मंजुर कराने हेतु दिया गया था. लेकिन उपअभियंता परहाटे ने 7 प्रतिशत की मांग की तथा बिल पास करने का आश्वासन भी दिया. परंतु ठेकेदार द्वारा कार्य की ईतनी बडी रक्कम देने से मना कर दिया गया. परंतु जब फायनल बिलों पर हस्ताक्षर करने की बात आई तो सार्वजनिक विभाग के उपअभियंता ने 50 हजार नकदी तथा 18 हजार रूपये किंमत का एक एल सी डी टिवी तथा 7 हजार रूपये किंमत का एक गैस सिलेंडर की मांग की. शिकायत कर्ता को अपना बिल निकलवाना मंहगा पड़ रहा था, जिसके चलते उसने इसकी प्राथमिक सूचना एंटी करप्शन ब्युरो को दी. परंतु इसके पुर्व वह आरोपी को एक एल सी डी दे चुका था तथा गैस कनेक्शन रूपये 5663 किंमत का साहित्य स्वीकारते समय आरोपी एंटी करप्शन की टीम के हत्थे चढ़ गया. गिरफ्तार इंंजिनियर के विरूद्ध पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला पंजीबद्ध कर लिया है.

जानकारी में यह बात भी सामने आयी की ठेकेदार तथा उपविभगीय अभियंता के बीच कमीशन को लेकर काफी दिनों से यह मामला चल रहा था. परंतु बात को बनता न देख शिकायतकर्ता ने एंटी करप्शन ब्यूरो को इस बात की जानकारी दे डाली. सालेकसा तहसिल की संस्था को रास्ते के खडीकरण का काम दिया गया था. उक्त कार्य को पुरा करने वाले ठेकेदार को संबंधित कार्य का 1.33 लाख रूपये का चेक भी प्राप्त हो चुका था. परंतु 4 लाख के काम का पुर्ण बिल में से 1.33 लाख मिलने के बाद बकाया बिल के लिये पहले तो उपअभियंता ने 1 लाख रूपये मांगे थे, परंतु शिकायत कर्ता के न देने पर 50 हजार नगदी तथा साहीत्य के रूप में डील पक्की की गई थी.

बताया यह भी जा रहा है कि आरोपी के चंद्रपुर शहर के रामनगर इलाके में विदर्भ हाऊसिंग कॉलोनी यहां स्थित निवास स्थान पर भी छापामार कार्यवाही की गई है. परंतु आगे की जांच होने पर बताया जा सकेगा की आरोपी के पास के कितनी चल-अचल संपत्ती है.

एक ही सप्ताह के भितर एंटी करप्शन ब्युरो ने यह दुसरा छापा मारा है जबकि इससे पुर्व वन विभाग के एक अधिकारी को एंटी करप्शन ब्युरो ने रंगेहाथ धर दबोचा था.

Representational Pic

Representational Pic