नागपुर: मनपा में विपक्ष नेता तानाजी वानवे के नेतृत्व में बसपा का संयुक्त शिष्टमंडल मनपा आयुक्त से मिला. दिए गए निवेदन द्वारा याचना की गई कि उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शहर भर के अनाधिकृत धार्मिक स्थलों को मनपा द्वारा ढहाया जा रहा है. यातायात में बाधक, आवाजाही में अड़चन पैदा करने वाले और विकास कार्य में बाधक धार्मिक स्थलों को तोड़ने का विरोध न होने की जानकारी दी. लेकिन सार्वजनिक स्थल और पब्लिक यूटिलिटी की जगह पर स्थित धार्मिक स्थलों को न तोड़ने की अपील की गई. जिस पर मनपा आयुक्त ने शिष्टमंडल को जानकारी दी कि इस संदर्भ में उन्हें कुछ कहने का अधिकार नहीं है.
शिष्टमंडल में किशोर जिचकर,जुल्फेकार भुट्टो,दिनेश यादव,परसराम मानवटकर, सय्यदा बेगम अंसारी,नेहा निकोसे, हर्षला मनोज साबले,जीशान मुमताज,मोहम्मद इरफान अंसारी,आयशा उइके, प्रणिता सहाने,निजामुद्दीन अंसारी,नेहरू उइके,राकेशनिकोसे ,चंदू वाकोड़कर और बसपा के महेश सहारे,जितेंद्र घोड़ेश्वर,वंदना राजू चंदेकर,मंगला लांजेवार,विरांका भिवगड़े,वैशाली नारनवरे,इब्राहिम टेलर,संजय बर्रेवार,नरेंद्र वालदे आदि उपस्थित थे.
शाम ५ बजे के आसपास मनपा का सत्तापक्ष अपने ५ – ६ दर्जन नगरसेवकों के संग मनपा आयुक्त से मिला. लेकिन आयुक्त ने साफ शब्दों में शिष्टमंडल को जानकारी दी कि वे नियमों और न्यायालय के निर्देशों के बाहर जाकर कुछ नहीं करेंगे. शिष्टमंडल में संदीप जोशी,दयाशंकर तिवारी, बंटी कुकड़े,पिंटू झलके,धर्मपाल मेश्राम सह अन्य नगरसेवक उपस्थित थे.
समाचार लिखे जाने तक मनपा आयुक्त ने सत्तापक्ष द्वारा घोषित ३ अगस्त को विशेष सभा के प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं.