Published On : Sat, Jul 12th, 2014

उमरखेड़ : बिजली विभाग की मनमानी से आम जनता त्रस्त

Advertisement


उमरखेड़

बिजली विभाग कंपनी के अंधाधुंध मनमानी से आम बिजली ग्राहकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. जिससे विद्युत ग्राहकों में भारी रोष है. मुंबई के बिजली वितरण विभाग को वसंतराव द्वारा दिए गए शिकायत पत्र में कहा गया है कि स्थनिय नागरिकों को कारखाने वालों का बिल तथा कारखाने वालों को आम नागरिकों का बिल दिया जा रहा है जिससे सूखे को झेल रहे आम नागरिको द्वारा इस बिल को भरना मुश्किल हो रहा है.

उमरखेड़ तहसील के विद्युत विभाग के सहायक अभियंता के नियंत्रण वाले कर्मचारियों द्वारा बेलगाम कार्यपद्धति से आम जनता त्रस्त है. आम जनता द्वारा खर्च की गई युनिट की अपेक्षा ज्यादा युनिट बड़ा कर बिल बनाने से आम जनता आर्थिक कष्ट उठा रही है. यहां के चरडे नगर निवासी वाइकराव के घर में 1310 यूनिट का उपयोग बता कर उसका बिल 14550 रूपये का बनाया जिससे वाइकराव अचंभित है. उनकी शिकायत को बिजली विभाग द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. इसी प्रकार देशमुख के मीटर की जून महीने की रीडिंग बहुत ज्यादा बताकर उनको 2190 रूपये का बिल थमाया गया. शिकायत करने जाने वाले नागरिको से वहां के पदाधिकारी दुर्व्यवहार करके उन्हें भाग जाने पर मजबूर कर देते है.

यहां के लिपिक एम.एच इंगोले और एस.यू. पठान के मनमानी वाले व्यव्हार से आम जनता त्रस्त है. ऐसी स्थिति में बिजली विभाग द्वारा बिल का जबरजस्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है. विधुत विभाग की इस मनमानी के खिलाफ कंपनी के संचालक राज्य के ऊर्जा मंत्री अजित पवार व अधीक्षक यवतमाल को शिकायत पत्र वसंतराव देशमुख द्वारा भेजा गया है.
maha