उमरखेड़-महागांव तालुका के सरपंच और उपसरपंचों की मांग
उमरखेड़
उमरखेड़ और महागांव तालुका को सूखाग्रस्त घोषित करने के साथ ही किसानों का पूरा कर्ज और बिजली का बिल भी माफ़ करने की मांग दोनों तालुकों के सरपंच और उपसरपंचों ने की है. सरपंच-उपसरपंच संगठन के तत्वावधान में उपविभागीय अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया. शिष्टमंडल का नेतृत्व उमरखेड़ तालुका संगठन के अध्यक्ष गजानन कदम और महागांव तालुका के अध्यक्ष शेषेराव राजनीकर ने किया.
सरपंचों की फजीहत
उपविभागीय अधिकारी को दिए ज्ञापन में कहा गया है कि उमरखेड़ उपविभाग में बारिश के लंबे समय तक विश्राम करने से किसानों के समक्ष भीषण समस्या पैदा हो गई है. उन पर दोबारा-तिबारा बुआई की नौबत आ गई है. पिछले साल अतिवृष्टि का शिकार हुए किसानों के सामने भयंकर आर्थिक संकट छाया हुआ है. मजदूरों के हाथों में काम नहीं है. संगठन ने कहा है कि गांव का प्रमुख होने के नाते समस्याओं को हल करने में उनका दम निकल रहा है.
दोबारा-तिबारा बुआई के लिए 10 हजार की मदद मांगी
सरपंच-उपसरपंच संगठन ने ज्ञापन में मांग की है कि किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ़ किया जाए, बिजली का बिल माफ़ किया जाए, कृषि कर, शैक्षणिक फी और पानी कर भी माफ़ किया जाए, मवेशियों के लिए चारा-छावनी बनाई जाए, बिजली कनेक्शन न काटा जाए, दोबारा-तिबारा बुआई के लिए तत्काल 10 हजार रुपयों की मदद दी जाए, रोगायो के तहत वृक्षारोपण के कार्यों को प्रशासकीय मंजूरी देकर काम शुरू किए जाएं, रोगायो में काम कर रहे मजदूरों को 7 दिन में मजदूरी देने की व्यवस्था की जाए, ग्रामीण रोगायो के प्रलंबित कुशल एवं अकुशल मजदूरों के बिल देने की व्यवस्था की जाए. ज्ञापन में इसके अलावा भी अन्य कई मांगें शामिल हैं.
कई गांवों के सरपंच, उपसरपंच उपस्थित
शिष्टमंडल में मार्गदर्शक रामराव नरवाड़े (बारा), अर्जुन जाधव (चुरमुरा), पंजाबराव गावंडे (कलगांव), गजानन पाटिल (मुड़ाना), अशोक तुमवाड (कासारबेल), सुधाकर राठोड (बेलखेड), विलास मोरे (कुपटी), गुलाब सूर्यवंशी (दिवटपिंप्री), विजय पवार (अकोली), सविता जाधव (पलसी) आदि गांवों के सरपंच और उपसरपंच उपस्थित थे.