Published On : Thu, Jun 5th, 2014

उमरखेड़ : आसमान छूने लगीं बीज, खाद की कीमतें

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किसान परेशान, न मौसम साथ दे रहा और न सरकार


उमरखेड़

पिछले साल की तुलना में इस साल खाद और बीजों की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है. महंगे बीज किसानों की कमर तोड़ देने के लिए काफी हैं. ऐसे में उनके सामने सवाल यह खड़ा हो गया है कि बीज घर के उपयोग में लाए जाएं या बाजार के.
लेकिन इसे लेकर वे दुविधा में फंसे हैं. उन्हें नहीं पता कि घर के बीजों का इस्तेमाल करने पर वे बीज पर्याप्त फसल दे भी पाएंगे या नहीं.

रोहिणी भी सूखा-सूखा
दूसरी तरफ, जून का पहला हफ्ता खत्म होने को है. रोहिणी नक्षत्र भी बिना बारिश के बीत रहा है. ऐसे में किसानों की चिंता फिर बढ़ गई है. इसके चलते बोआई का मौसम 22 से 25 दिन आगे बढ़ने के संभावना व्यक्त की जा रही है. किसान आज भी यही मानते हैं कि मई महीने के अंत में रोहिणी नक्षत्र में बारिश होती ही है. तपन में तेजी बढ़ती जा रही है. खेतों को तैयार करने के काम में भी तेजी आ गई है. किसान अब सारे काम छोड़कर खेती के काम को महत्त्व दे रहा है.

कीमतें तीन सौ रुपए तक बढ़ीं
पिछले साल सोयाबीन के बीजों की ईगल कंपनी की 30 किलो की थैली अथवा अन्य कंपनी के बेहतर बीजों की थैली 12 सौ से 14 सौ रुपयों तक में बिकी थी. इस साल इसी कंपनी के बीजों की बैग 1400 से 1500 रुपए में बिक रही है. लेकिन प्रशासन का इस तरफ कोई ध्यान नहीं है. किसानों को रबी के मौसम की सोयाबीन, कपास, गेहूं और गन्ना तक मिट्टी के भाव बेचना पड़ा था. इस इलाके में किसानों के पास कोई वैकल्पिक व्यवसाय नहीं होने के कारण मजबूरी में उन्हें खेती-किसानी का काम ही करना पड़ता है.

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