Published On : Sat, Aug 23rd, 2014

उमरखेड : चुनाव आगे बढ़ाओ, लेकिन पहले सुखाग्रस्त घोषित करो

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किसानों का पूरा कर्ज माफ़ किया जाए

उमरखेड

बरसात का मौसम खत्म हो रहा है. दो-तीन बार बुआई भी हो गई है. लेकिन प्रकृति ने इस बार किसानों के साथ ऐसा धोखा किया की प्रकृति के आगे इंसान को एक बार फिर झुकना पड़ा. किसानों का परिवार भी खेती पर ही निर्भर है. ऐसे मे देरी न करते हुए शासन और चुनाव आयोग ने चुनाव आगे बढ़ाकर सुखाग्रस्त घोषित करना चाहिए, उदरनिर्वाह के लिए किसानों के बैंक खातों में मदद राशि जमा करनी चाहिये ऐसी मांग संभाजी ब्रिगेड की ओर से जिला अध्यक्ष गुणवंत सूर्यवंशी, जिला उपाध्यक्ष डॉ. अजित नलावडे, शिवाजी वानखेड़े, अमोल पतंगराव, कुणाल सुर्यवंशी आदि पदाधिकारीयों ने की है.

पिछले चार वर्ष से किसी न किसी कारण से प्राकृतिक संकट आ रहे है. खरीफ और रब्बी बुआई में इस तरह की परिस्थिति निर्माण होती है. इस क्षेत्र में कोई भी बडी परियोजना नहीं है सिवाय वसंत कारखाना के. सर्वसाधारण परिवार के काम आए ऐसा कोई भी रोजगार यहाँ नहीं है. बिजली बिल समय पर भरा नहीं गया, सोसायटी के पास से कर्ज लेकर समय पर भरा नहीं गया, महाविद्यालय के अभियांत्रिकी विद्यार्थियों की फिस न भर पाने की वजह से अनेक किसानों के बच्चों का उच्च शिक्षण लेने का सपना अधुरा रहेंगा. किसानों के पास शादी के लिए जरुरी सोने के जेवरात ना होने की वजह से युवतियों की शादी टूटने की नौबत आई है.

किसानों का कर्ज माफ़ करके सुखाग्रस्त घोषित करे और सप्ताह के पहले परेशान किसानों के खातों में मुआवजे की रकम जमा की जाए, किसानों को 100 प्रतिशत अनुदानित बीज और खेती के लिए आवश्यक चीज़ें मिले तो किसानों की आत्महत्या रोकने में मदत मिल सकती है. ऐसा संभाजी ब्रिगेड ने शासन से निवेदन किया है. अब शासन को किसानों के प्रति कितनी सहानुभूति है इसकी ओर सभी का ध्यान है.

sukha