लघु बांध निर्माण में शासन को लाखों का चुना लगाने का आरोप
आरमोरी
खेतों में पानी की व्यवस्था करने के लिए शासन द्वारा सन 2009- 10 इस समय सीमा में कोजबी-करपडा परिसर में निर्माणकार्य करने के लिए निधि मंजूर की गई थी परन्तु काम की शुरुआत तो की गई पर काम को आधा -अधूरा छोड़ कर उसे कागजों पर पूरा बता कर सरकार को लाखों का चूना लगा दिया गया.
उलेखनीय है की इस लघु परियोजना से किसानों को अभी तक कोई फायदा नहीं हुआ. इस संदर्भ में जिला परिषद सदस्या लक्ष्मी मने ने किसानों की भावना का सम्मान करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी संपदा मेहता के पास इस मामले की जाँच करने की मांग की है.
इस प्रकरण में गंभीर रूप से कार्यवाही करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी संपदा महता ने तत्काल निर्माणका की जाँच के आदेश दिए और आज ही सिंचाई अभियंता गडचिरोली , उपविभागीय अधिकारी सोयमवाड़सा ने लघु बांध के काम काज की जाँच की. इस समय जिला परिषद सदस्या लक्ष्मी मने भी प्रमुख रूप से उपस्थित थी. इस समय ध्यान देने योग्य बात यह है की किसानों को लाभ पहुँचाने के उद्देश्य एवं व्यतिगत लाभ से बनाये गए इस लघु बांध से किसानों को रत्ती भर भी लाभ नहीं पहुँचा है और तो और बांध के फाटक गायब हे, उसके आसपास की जमीन की मिट्टी से किसानों को और अधिक नुकसान हो रहा है, जिस बोर्ड पर लघुबंध का नाम लिखा था वह ढूढ़ने से भी नहीं मिल रहा है, और इस खस्ता हाल लघु बांध के निर्माण में लाखो रुपयों का चुना लगाया गया है.
शाखा अभियंता बन्सोड जो खुद किसान भी है इन्होंने अधिकारीयों की साठगांठ से खुद की सुविधा एवं व्यतिगत लाभ के लिये मूलभूत परियोजना को तोड़मरोड़ कर प्रशसन को लाखों रुपये का चूना लगाया. अधूरे निर्माणकार्य के चलते किसानो को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है जिससे उनकी भावनाओ को ठेस पहुंचाइ गई है तथा इससे किसानों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई बंसोड़ के वेतन से किये जाने की माँग जिला परिषद सदस्या मने , कल्पना तिजारे , ननु चौधरी , सचिन महाजन, प्रमोद राहते ,सरपंच विनोद मानकर, प्रकाश बनकर आदि ने किया है.