अहेरी
वैद्कीय अधिकारियों की मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेकर राज्य सरकार की ओर से वैद्कीय अधिकारों के घोषित आंदोलन को रोका जाना चाहिए जिससे लोगों को नुकसान ना उठाना पड़े ऐसी मांग अहेरी तालुका कॉंग्रेस अध्यक्ष महबूब अली ने की ओर से की गई है. गौरतलब है की मांगे पूरी नहीं होने की सूरत में वैद्कीय अधिकारियों ने 1 जून से बंद का ऐलान किया है.
आदिवासी दुर्गम व नक्सल प्रभावी गडचिरोली जिले में काम करने के लिए डॉक्टर इच्छुक नहीं रहते. डॉक्टर बनने के बाद जिले के मूल निवासी भी दूसरी जगहों पर चले जाते है. इसी वजह से क्षेत्र में वैद्यकीय अधिकारियों के पद बड़ी संख्या में रिक्त है. आदिवासी क्षेत्रों में राज्य के बाकी क्षेत्रों की ही तरह आरोग्य सेवा उपलब्ध कराने की ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की है. उत्तम उचार प्राप्त करना यहां के नागरिकों का अधिकार है. इसको पूरा करने के लिए यहाँ की रिक्त पदें भरना ज़रूरी है. इसके लिए यहाँ के डॉक्टरों की मांगों को महत्व देना होगा. सरकार की और से डॉक्टरों की संघटना की ओर से दिए गए निवेदन पर सकारात्मक विचार कर उन्हें सुविधा उपलब्ध करके देने की मांग अहेरी तालुका कॉंग्रेस अध्यक्ष महबूब अली ने की है.
गौरतलब है की क्षेत्र में जिले के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से महाविद्यालय खोले गए है. वहा विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 1 लाख से ऊपर वेतन दिया जाता है लेकिन वैद्यकीय अधिकारियों और डॉक्टरों को 10 से 20 हज़ार ही वेतन दिया जाता है जो की अन्यायपूर्ण होने की बात अहेरी तालुका कॉंग्रेस अध्यक्ष महबूब अली ने कही.
मांगे पूरी नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी डॉक्टरों ने दी है. इसका नुकसान आम नागरिकों को ही होगा. डॉक्टरों ने अगर आंदोलन किया तो अहेरी तालुका कॉंग्रेस भी उनके समर्थन में आंदोलन करेगी ऐसा इशारा महबूब अली ने दिया.