अमरावती
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान जिले के कुछ पुलिस थाना क्षेत्रों में चल रही अवैध धंधों की अनदेखी अब पुलिस निरिक्षकों को भारी पड़ी है. पुलिस अधीक्षक के विशेष पथक ने ऐसे आरोपियों को हिरासत में तो ले लिया है, लेकिन ऐसे 16 पुलिस निरिक्षकों में से 3 को अब इस कोताही का खामियाजा भुगतना पड़ गया है. इन तीनों की सालाना वेतन वृद्धि रोक दी गई है.
जिला पुलिस अधीक्षक एस. वीरेश प्रभु ने इन सभी पुलिस निरीक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी की है. इनमें से तीन पीआई ने संतोषजनक जवाब पेश नहीं किया. इससे उनकी वेतन वृद्धि रोक दी गई है. चुनाव के दौरान शराब या पैसों की अफरातफरी नहीं हो सके, इसके लिए जिले की सीमाओं पर पुलिस को विशेष निगरानी रखनी थी. इससे करोड़ों रुपए पुलिस के हाथ भी लगे. जिला पुलिस अधीक्षक एस वीरेश प्रभु के मार्गदर्शन में उड़न दस्ते तैयार किए गए थे.
दस्ते की कार्रवाई में शराब एवं जुआबंदी कानून के तहत करोड़ों का माल भी जब्त किया गया था. लेकिन उड़न दस्ते की इस कार्रवाई में इन स्थानीय थानेदार और पुलिस कर्मचारियों ने शिथिलता दिखाई. उनकी आंखों के सामने यह अवैध व्यवसाय चलाए जा रहे थे. उनकी यह कर्तव्यहीनता सामने आते ही पुलिस अधीक्षक प्रभु ने उन 16 पीआई के खिलाफ कार्रवाई की. इसमें से तीन पीआई को नियंत्रण कक्ष से जोड़कर उनके वेतन की सालाना वृद्धि इस वर्ष रोक दिए गए हैं. इनमें मुख्य रूप से लोणी के दो पीआई व शिरजगांव के एक पीआई का समावेश है.