Published On : Thu, Aug 28th, 2014

अमरावती : …और सैकड़ों साल बाद साक्षात प्रकट हो गर्इं एकवीरा देवी

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मूर्ति पर चढ़ी सिंदूर की मोटी परत गलकर गिरी, दर्शनार्थियों का लगा तांता


अमरावती

ekviraविदर्भ की कुलदेवता मानी जाने वाली श्री एकवीरा देवी की मूर्ति पर चढ़ी सिंदूर की मोटी परत सैकड़ों साल बाद अचानक गलकर गिर गई है. बुधवार की तड़के यह बात उजागर हुई. परत के गिरने से मूल स्वरूप की चतुर्भुज आसनस्थ काले पाषाण में प्रकट हुई देवी के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लग गई थी. इसी बीच, मंदिर प्रशासन ने 30 अगस्त तक देवी का दर्शन बंद कर दिया है. इसके चलते अब मंदिर के दरवाजे 31 अगस्त को ही दर्शनार्थियों के लिए खुलेंगे.

देवी की मूर्ति की स्थापना 800 साल पहले
बताया जाता है कि श्री जनार्दन स्वामी ने कोई 700-800 साल पहले श्री एकवीरा देवी की इस मूर्ति की स्थापना की थी. काले पत्थर पर उकेरी गई देवी की यह मूर्ति यादवकालीन बताई जाती है. मूर्ति अत्यंत सुंदर, सजीव और चतुर्भुजधारी है. देवी के एक हाथ में खड्ग है और दूसरे में गदा. खास बात यह है कि देवी आसनस्थ है. सैकड़ों सालों से मूर्ति पर सिंदूर का लेप चढ़ाया जाता था. साथ ही स्वर्णजड़ित मुखौटा पहनाए जाने के कारण देवी का एक अलग स्वरूप लोगों को देखने को मिलता था. भक्तों के मन में भी देवी का यही स्वरूप घर कर गया था.

देवी ने दिखाया अपना मूल स्वरूप
कुछ भक्त यह जरूर सोचते थे कि आखिर देवी का मूल स्वरूप कैसा होगा? बुधवार की तड़के देवी ने आखिर अपना मूल स्वरूप दिखा ही दिया. बुधवार की तड़के पूजा और अभिषेक के बाद एकवीरा देवी की मूर्ति पर चढ़ी सिंदूर की मोटी परत गलकर गिर पड़ी. मंदिर के ट्रस्टी अरुण भोंदू के ध्यान में यह बात आते ही उन्होंने यह जानकारी अन्य ट्रस्टियों को दी. तत्काल मंदिर में भक्तों के लिए देवी के दर्शन बंद कर दिए गए.

खबर मिलते ही दर्शन को दौड़े लोग
घटना की खबर अंबानगरी में जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते देवी का मूल साक्षात स्वरूप देखने के लिए मंदिर में भक्तों की भीड़ लग गई. मगर दर्शन बंद होने के कारण लोगों के हाथ निराशा ही लगी. उल्लेखनीय है कि कोई 20 साल पहले मूर्ति की सिंदूर की एक पतली परत गिर गई थी, मगर उस समय देवी का मूल स्वरूप दिखाई नहीं दिया था.

जिलाधिकारी भी पहुंचे मंदिर में
मंदिर प्रशासन ने इस घटना की जानकारी जिलाधिकारी किरण गिते को भी दी. जिलाधिकारी तत्काल मंदिर में आए और ट्रस्टियों से सारी जानकारी हासिल की. जिलाधिकारी ने मंदिर प्रशासन को निर्देश दिया कि वे पत्रकारों को सारी जानकारी देकर इसे प्रसार माध्यमों में प्रकाशित कराएं, ताकि किसी किस्म की गलतफहमी न हो. इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी पवार, एसीपी कलसकर, पुलिस निरीक्षक एस. एस. भगत उपस्थित थे.

शहर के लिए शुभ संकेत ?
मंदिर के अध्यक्ष रमेश गोडबोले ने बताया कि श्री एकवीरा देवी की मूर्ति की सिंदूर की परत का गलकर गिरना एक शुभ संकेत है. गोडबोले ने इसे एक प्राकृतिक घटना बताते हुए कहा कि इससे पूर्व इस तरह की घटना होने की कोई जानकारी नहीं है.