Published On : Sat, Oct 13th, 2012

समर्थकों को खिचड़ी का ठेका – Dainik Bhaskar

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> एक झटके में कर दिया कई महिलाओं को बेरोजगार, जारी है आरोपों का दौर
मनपा स्कूलों में नियम-कानून को ठेंगा
विशेष प्रतिनिधि त्न नागपुर

मनपा स्कूलों में पोषक आहार के ठेके देने में भारी अनियमितता सामने आ रही है। मनपा द्वारा आनन-फानन में बिना जांच-पड़ताल व नोटिस दिए पुराने बचत समूहों के खिचड़ी के ठेके रद्द कर दिए गए हैं। पीडि़त बचत समूहों ने सत्ता पक्ष पर बेरोजगार करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि सत्ता पक्ष ने अपने करीबियों को लाभ पहुंचाने के लिए यह ठेके रद्द किए हैं। इसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों की भागीदारी होने का आरोप भी है।

अभियान चला रखा है

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मनपा के स्कूलों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को महिला बचत समूहों के माध्यम से पोषक आहार दिया जाता है। इसके अंतर्गत खिचड़ी, आलू पोहा, चिवड़ा, मूंगफली, लड्डू आदि दिया जाता है। आरोप लगाए गए हैं कि सत्ता का इस्तेमाल करते हुए कुछ पार्षदों ने अपने समर्थकों को खिचड़ी का ठेका दिलाया है।

बस्तरवारी प्राथमिक स्कूल से श्री गणेश महिला बचत समूह को खिचड़ी देने से मना कर दिया है। इसी तरह मोमिनपुरा डोबी स्थित हाजी अब्दुल लीडर प्राथमिक शाला में केजीएन, दुर्गा व धनश्री महिला बचत समूह के खिचड़ी का ठेका भी पिछले माह से बंद कर दिया गया है। ये ठेके सत्ता पक्ष के प्रमुख दल के कार्यकर्ताओं को मिलने की जानकारी मिली है। हाजी अब्दुल लीडर स्कूल का खिचड़ी का ठेका भाजपा कार्यकर्ताओं को दिया गया है।

हमारे पेट पर लात क्यों मारी?

श्री गणेश महिला बचत समूह की अध्यक्ष संगीता बिलगे, केजीएन महिला बचत समूह की अध्यक्ष शगुफ्ता अंजुम, दुर्गा महिला बचत समूह की अध्यक्ष श्वेता मारबते व धनश्री महिला बचत समूह की अध्यक्ष सपना टोपरे ने सवाल किया है कि समर्थकों को रोजगार देने के लिए हमारे पेट पर लात मारना कहां तक उचित है। उन्होंने दावा किया कि ठेका बंद करने के पूर्व मनपा प्रशासन ने कोई नोटिस, स्मरण पत्र, चेतावनी पत्र नहीं दिया। इसी तरह आहार की गुणवत्ता की जांच प्रयोगशाला में नहीं की। सत्ता पक्ष पार्षदों के कहने मात्र से आहार की गुणवत्ता खराब नहीं होती। प्रयोगशाला में जांच कर गुणवत्ता का गे्रड प्रमाणित करने की चुनौती दी है।

क्या है प्रक्रिया

पोषक आहार की गुणवत्ता की रिपोर्ट संबंधित मुख्याध्यापक हर माह मनपा शिक्षा विभाग को भेजते हैं। गुणवत्ता डी ग्रेड की होने पर संबंधित महिला समूह को भी पत्र लिख कर सुधार करने की हिदायत दी जाती है। इसी तरह ठेका बंद करने के पूर्व सबूत के तौर पर प्रयोगशाला द्वारा प्रमाणित गुणवत्ता प्रमाणपत्र मनपा के पास होना जरूरी है। कई वर्षों से खिचड़ी देनेवाले महिला बचत समूहों की अब तक कोई शिकायत नहीं थी। अचानक शिकायतें की गईं या कराई गईं ये सवाल भी उठ रहे हैं।

एक पत्र से मिले ठेके

ठेका प्राप्त करने के लिए जी जान लगाना पड़ता है। यहां कार्यकर्ताओं को ऐसा कुछ भी नहीं करना पड़ा। जोन की बैठक में सत्ता पक्ष के पार्षदों ने नाम सुझाए। पार्षदों ने प्रस्ताव रखा और सभापति ने इसे पारित कर दिया।

जारी नहीं हुई निविदा

नए ठेके देते समय मनपा ने निविदा अथवा विज्ञापन जारी करने अथवा प्रशासनिक खानापूर्ति की पूर्तता करना भी जरूरी नहीं समझा। पिछले माह बैठक में प्रस्ताव आते ही खिचड़ी के ठेके दे दिए गए। पुराने ठेके रद्द करते समय जांच तक नहीं की। और भी बचत समूहों पर गाज गिर सकती है।

शिकायत पर कार्रवाई की

गांधीबाग जोन की सभापति डॉ. उमा गाठीबांधे ने बताया कि मुख्य अध्यापिका की शिकायती पत्र बैठक में रखा गया। इस आधार पर ठेका रद्द किया गया। सत्ता पक्ष के पार्षद ने जो नाम सुझाए उन्हें ठेका दिया गया। हमारा उद्देश्य किसी को बेरोजगार करना नहीं है। ठेका रद्द करने के पूर्व नोटिस, स्मरण पत्र, चेतावनी पत्र, खिचड़ी की गुणवत्ता की जांच के संबंध में नियम प्रक्रिया अधिकारी अच्छी तरह बता सकते हैं। डा. उमा गाठीबांधे, सभापति गांधीबाग जोन

न नोटिस, न चेतावन

तीनोंं बचत समूहों की खिचड़ी बंद करने का आदेश गांधीबाग जोन की सभापति से मिला। खिचड़ी बंद करने के पूर्व नोटिस, चेतावनी, सुधार करने की हिदायत का पत्र देने की प्रक्रिया होती है। खिचड़ी की गुणवत्ता को लेकर उन्होंने आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन प्रशासन की ओर से महिला बचत समूहों को नोटिस जारी नहीं हुए थेे। तत्संबंधी आपत्ति से शिक्षा विभाग को अवगत कराया था। गांधीबाग जोन के सभापति के आदेश पर इनका ठेका रद्द कर दिया गया है। नुसरत बेगम, मुख्य अध्यापिका, हाजी अब्दुल लीडर स्कूल

मैं चकित रह गई

श्री गणेश महिला बचत समूह की खिचड़ी की कोई शिकायत नहीं थी। खिचड़ी को ए, बी, सी व डी ग्रेड दिया जाता है। इसकी खिचड़ी हमेशा ‘ए’ ग्रेड में रही है। स्कूल की तरफ से कोई शिकायत नहीं भेजी गई थी। इसके बावजूद ठेका रद्द होने से मैं चकित हूं। आदेश आया है कि आज से इनकी खिचड़ी बंद और नए की खिचड़ी शुरू की जाए। हम आदेश का पालन कर रहे हैं। नलिनी धोटे, मुख्य अध्यापिका बस्तरवारी स्कूल

सिफारिश पर ध्यान देते हैं

श्री गणेश महिला बचत समूह का पोषक आहार (खिचड़ी) बंद करने की सिफारिश सत्ता पक्ष के पार्षद ने की थी। इसके लिए खराब गुणवत्ता का हवाला दिया था। नए बचत समूह का नाम भी बैठक में सुझाया गया। पार्षद की शिकायत व सिफारिश को ध्यान में रखकर कार्रवाई की गई है। कल्पक भनारकर, सभापति संतरजीपुरा जोन

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