नागपुर. महिद्रा एंड महिद्रा को उसका 3000 करोड़ रुपये का एसयूवी प्रकल्प बूटीबोरी लाने और मय प्रदेश नहीं ले जाने के लिए पालकमंाी शिवाजीराव मोो ने कमर कस ली है. आला अधिकारियों के साथ एक बैठक में मोो ने कहा कि जल्द महिद्रा के बड़े अधिकारियों के साथ मिलकर यह सुनिश्चित किया जाएगा कि महिद्रा की बड़ी इकाई बूटीबोरी में ही लगाई जाए. ‘नवभारतÓ ने पिछले दिनों यह आशंका जताई थी कि महिद्रा अपना एसयूवी का प्रकल्प मय प्रदेश ले जाने का विचार कर रही है. कुछ वर्ष पहले महिद्रा ने बूटीबोरी में यही लाट लगाने की इछा व्यत की थी. माा कुछ तकनीकी काराों से बात आगे नहीं बढ़ पायी. उद्योग के
वाइट डायरेटर वी.के. जैन के साथ एक बैठक में पालकमंाी ने कहा कि महिद्रा एंड महिद्रा के आला अधिकारियों के साथ संपर्क कर उहें आश्वासन दिलाना होगा कि महाराष्ट्र सरकार विदर्भ के बूटीबोरी में एसयूवी प्रकल्प लगाने की इछुक है. जैन ने बताया कि महिद्रा ने अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं किया है. माा महिद्रा को बूटीबोरी की साइट दिखाकर यहां की उपयोगिता बताई जा सकती है. 147 हे. भूमि उपलध बूटीबोरी में 147 हेटेयर भूमि जो अजंता फार्मा एसईजेड को दी गई थी उपलध है. एसईजेड को डीनोटिफाय कर दिया गया है और जल्दी ही इसका आदेश भी निकल जाएगा. इसी भूमि पर महिद्रा का एसयूवी प्रकल्प लाने की कोशिश की जाएगी. मुख्यमंाी पृवीराज चव्हाा और उद्योग मंाी नाराया राो के अलावा केद्रीय मंाी मुकुल वासनिक से भी सहयोग लेकर इसे आगे बढ़ा जाएगा. रूढ्ढष्ठष्ट अधिकारियों पर उखड़े बूटीबोरी और हिंगना एमआईडीसी के खाली पड़े लाटों के बारे में आधी-अधूरी जानकारी देने पर पालकमंाी ने एमआईडीसी के अधिकारियों की जमकर खिंचाई की. अधिकारियों को दो टूक कहा कि एमआईडीसी को गली की किराना दूकान जैसा संचालित न किया जाए. पहले तो ठाकरे नामक अधिकारी ने यह कह डाला कि खाली लाटों की जानकारी वेबसाइट पर उपलध है. बैठक में विलंब से पहुंचे क्षेाीय अधिकारी बाकरे ने मामले को संभाला और आश्वस्त किया कि जल्दी ही पूरा योरा पालकमंाी को भेजा जाएगा. पालकमंाी ने कहा कि बूटीबोरी में इंडस्ट्रियल के अलावा कमर्शियल और रेसिडेंशियल लाटों का आवंटन और खाली पड़े लाटों का विस्तृत विवरा 10-12 दिनों में उपलध कराया जाए. बैठक में संयुत निदेशक वी.के.जैन के अलावा बीएमए के हेमंत अंबासेलकर खंडेलवाल ग्रामीा महासचिव मुजीब पठान भी मौजूद थे.

