रिपाई अध्यक्ष, सांसद रामदास आठवले ने कहा
चिमूर (चंद्रपुर)
देश में भले ही आज शिक्षा की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो गई हों, मगर आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं पहुंच पाई है. यही कारण है कि संविधान के जनक बाबासाहब आंबेडकर ने कहा था कि शिक्षा का राष्ट्रीयकरण होना चाहिए. लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है. जबकि शिक्षा का राष्ट्रीयकरण आज समय की जरूरत बन चुका है. रिपाई के अध्यक्ष, सांसद रामदास आठवले ने यह विचार व्यक्त किए.
आठवले समाजकार्य महाविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह के मौके पर हुतात्मा स्मारक के मंच से कार्यक्रम के अध्यक्ष के नाते वे बोल रहे थे. उद्घाटन भाजपा के राष्ट्रीय सहसंयोजक अशोक सिंह ठाकुर ने किया. प्रमुख अतिथि के रूप में भाजपा नेता और गीतकार गजेंद्र सिंह सोलंकी, भाजपा नेता चंदनसिंह चंदेल, आरपीआई के अध्यक्ष भुपेश थुलकर, पूर्व महापौर नलिनी चंदेल, प्राचार्य सरला शनिवारे, समाज कार्य विशेषज्ञ चंदन सिंह रोटेले आदि उपस्थित थे.
आठवले ने कहा कि जब तक गांव-गांव तक शिक्षा का प्रचार-प्रसार नहीं होगा, तब तक सत्ता में भी गांवों का प्रभाव दिखाई नहीं देगा. उन्होंने भरोसा दिलाया कि महायुती की सरकार आने के बाद चिमूर में विभिन्न पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे. सांसद आठवले ने अपनी निधि से पत्रकार भवन के लिए 5 लाख रुपए, हुतात्मा स्मारक के लिए 10 लाख रुपए और डॉ. बाबासाहब शाला के सौंदर्यीकरण के लिए 5 लाख रुपए देने की घोषणा भी की.
इस मौके पर आठवले समाज कार्य महाविद्यालय के पूर्व और वर्तमान विद्यार्थियों ने विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए. प्रास्ताविक भाषण डॉ. चंदन सिंह रोटेले, संचालन प्रा. चंद्रभान खंगार और आभार प्रदर्शन प्रा. संजय पिठाडे ने किया.
