Published On : Mon, Sep 1st, 2014

चिमूर : नदी में मिले मुर्गी के वेस्टेज मटेरियल


नागरिकों का स्वास्थ्य खतरे में

chimur dust polluted Rivers water
चिमूर (चंद्रपुर)

उमा नदी के किनारे बसा यह शहर पीने के लिए इसी नदी के पानी का उपयोग करता है. गत आठ महीनों से शहर के 6 चिकन सेंटर मालिक मुर्गियों के वेस्टेज मटेरियल जैसे मुर्गी के पंख, मांस के टुकड़े और अन्य सामग्री वरोरा मार्ग पर आईटीआई के आगे उमा नदी में फेंक रहे हैं. इससे पानी में कीड़े, जीव जंतु और जहरीले जिवाणु पनप रहे हैं. उमा नदी के आसपास दुर्गंध फैल गई है. इससे इस रास्ते से आने-जाने वालों तथा परिसर के नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए खतरा निर्माण हो रहा है.

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पानी में आने लगी दुर्गंध
लोगों के स्वास्थ के लिए स्वच्छ और साफ पानी आवश्यक होता है. इस वजह से अनेक योजनाएं भी चलाई जाती हैं. निर्मल ग्राम, ग्रामीण जलापूर्ति योजना के अंतर्गत नल द्वारा स्वच्छ पीने के पानी की व्यवस्था की जाती है. हिंदू संस्कृति में श्रावण माह में मांस-मटन नहीं खाया जाता. श्रावण मास खत्म होते ही अब चिकन सेंटरों पर धड़ल्ले से मुर्गियां काटी जाने लगी हैं. लेकिन मुर्गी के वेस्ट मटेरियल का निपटारा करने की बजाय उसे उमा नदी में फेंक दिया जाता है. पानी में सड़ा मांस और कीड़े होने की वजह से पानी भी दूषित हो गया है. इस पानी में अब दुर्गंध आने लगी है. यही पानी लोग पीते भी हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन रहा है.

पुलिस में शिकायत दर्ज
नागरिकों ने 16 जनवरी को इस संबंध में शिकायत भी दर्ज कराई थी. बाद में फिर दूसरी शिकायत 25 जून को दर्ज की गई थी. लेकिन ग्राम पंचायत प्रशासन की नींद नहीं टूटी. इसलिए दो-दो शिकायतों के बाद भी इस गंभीर समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. आखिर नागरिकों ने तंग आकर चिकन सेंटर वालों के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उमा नदी के समीप ही ग्रामीण अस्पताल, एम.आई.डी.सी, पॉवर प्लांट, शाला, महाविद्यालय, आईटीआई, फिल्टर प्लांट है. इस परिसर में ले-आउट भी हैं. यहां लोग रहते हैं. उनका स्वास्थ्य भी इस दुर्गंध से खतरे में पड रहा है. बरसात के दिन होने से परिसर में डेंगु, मलेरिया जैसे रोगों के फ़ैलने से इनकार नहीं किया जा सकता.

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