साल भर में होगे जनजागृति के विविध कार्यक्रम
चंद्रपुर
चंद्रपुर शहर के प्रदूषण में प्लास्टिक भी एक बडा कारण है. इसे नष्ट करके शहर के प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है. इस संकल्पना को लेकर शहर में सालभर प्लास्टिक मुक्त अभियान चलाने का संकल्प यहां की कुछ प्रशासनिक संस्थाओं के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा लेने की जानकारी आज आईएमए हॉल में आयोजित पत्रकार परिषद में आईएमए के अध्यक्ष डा. मंगेश टिपणीस, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के पूर्व सविच डा. दिलीप बोरलकर, आईएमए के प्रदेश उपाध्यक्ष डा. मंगेश गुलवाडे. व सुरेश चोपने ने दी. डा. गुलवाडे. ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल, चंद्रपुर महानगर पालिका, आईएमए सहित शरह की करीब 17 से अधिक संस्था व संगठनों ने इसके लिए संयुक्त उपक्रम तैयार किया है. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर आज एक संयुक्त बडा कार्यक्रम आयोजित करके अभियान की शुरूआत करना था. किन्तु केन्द्रीय मंत्री तथा महाराष्ट्र के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे के निधन से घोषित तीन दिन के राष्ट्रीय शोक के चलते इस कार्यक्रम को आगे बढा दिया गया है.
‘नको दंड, नको शिक्षा, प्लास्टिक मुक्त शहर हेच अपेक्षा’ इन शब्दों में विचार रखते हुए कहा कि हमारी इच्छा किसी को दंड व सजा देने की नहीं है. हम सिर्फ जनजागृति करके शहर को प्लास्टिक मुक्त करना चाहते हैं. इसके लिए हर आदमी के सहयोग की आवश्यकता है. उम्मीद है कि धीरे-धीरे लोगों का सहयोग मिलेगा और जल्द चंद्रपुर प्लास्टिक मुक्त होगा.
औरंगाबाद से आए डा. बोरलकर ने कहा कि पिछले बार चंद्रपुर में आई बाढ व उससे मची तबाही प्लास्टिक पन्नियों के कारण हुई. इन थैलियों के कारण नाले व नालियां चोक अप हो गई थी. जिससे बारिश के पानी की निकासी तेजी से नहीं हो सकी और यह पानी घरों में घुसा. प्लास्टिक के थैलियां सालो साल गलती नहीं है. इसके जलाने पर खतरनाक गैस निकलती है. इस वजह से इसको सही तरीके से ठिकाने लगाना बहुत जरूरी है. प्रदूषण के लिएघातक बने प्लास्टिक का उपयोग बंद किया जाना चाहिए या फिर इसकी सही तरीके से रिसाइक्लिींग की जानी चाहिए. इससे प्रदूषण कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि गंदगी हमारे से शुरू होती है. यदि हम अपने घर, आंगन व परिसर में स्वच्छता रखे तो काफी हद तक प्रदूषण कम किया जा सकता है.
डा. टिपणीस ने बताया कि शहर को प्लास्टिक मुक्त करने के लिए हर प्रयास किए जाएंगे. चाय की दुकान से प्लास्टिक के गिलास, दवा व किराना दुकानों से प्लास्टिक की थैलिया को जनजागृति करके हटाया जाएगा. इनके स्थान पर कपडे. की थैलियां व कागज के लिफाफों को लाया जाएगा. इससे प्रदूषण थमने के साथ ही कुछ लोगों को रोजगार भी मिल जाएगा.