Published On : Thu, May 29th, 2014

चंद्रपुर : “ग्रीन कार्ड ” से बैंकिंग हुई “हार्ड” !


आरबीआय के निर्देशों का एसबीआय कर रही पालन

जानकारी के अभाव में ग्राहकों को हो रही परेशानी

चंद्रपुर
Green Card SBI
पुरे देश में पिछले कुछ महीनों से काले धन पर चर्चा शुरू है. इस पर लगाम लगाने के उद्देश्य से रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने बैंक व्यवहारों को लेकर कुछ कड़े नियम लागू किए है. एक महत्वपूर्ण योजना ग्रीन कार्ड बैंक ने शुरू की है. लेकिन इस ग्रीन कार्ड योजना से आम लोगों को बैंकिंग व्यवहार करने में दिक्कतों की ख़बरें आ रही है.

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देश में अनेक बैंकों के राष्ट्रीयकरण होने के बावजूद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया पर लोगों का भरोसा सबसे ज्यादा माना जाता है. देश भर में इसकी शाखाएँ होने से इसके ग्राहकों की संख्या भी सबसे ज्यादा है. लेकिन आम लोगों के बीच से आ रही ख़बरों के मुताबिक़ ग्रीन कार्ड योजना के कारण लोगों को बैंकिंग में सहूलियत नहीं बल्कि दिक्कत हो रही है. इसकी एक बड़ी वजह ये है की इस योजना को शुरू करने के समय ग्राहकों को इसकी जानकारी देने के लिए स्थानीय स्तर पर शाखाओं में व्यवस्था नहीं की गई. इस वजह से बैंकिंग के वक्त लोगों को इस योजना की जानकारी देना बैंक कर्मचारियों के लिए भी मुश्किल हो रहा है.

गौरतलब है की इस योजना के अनुसार अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को किसी और शहर में पैसे भेज रहा है तो उसे ग्रीन कार्ड अनिवार्य किया गया है. एक कार्ड का उपयोग एक ही अकाउंट के लिए किया जा सकता है. इसका अर्थ ये की अगर किसी व्यक्ति को दस अलग अलग खातों में पैसे जमा कराना हो तो उसे 10 ग्रीन कार्ड लेने पड़ेंगे. एक कार्ड के लिए 20 से 30 रूपए साथ हि एक बार व्यवहार करने व्यवहार करने पर 50 रूपए काटे जाने से इसका फटका आम लोगों को पड रहा है. इसके अलावा ग्राहकों को बैंक कर्मचारी भी सही तरह से जानकारी नहीं देते और ग्राहकों को भटकना पड रहा है.

बैंकिंग व्यवहार करते समय दो प्रमुख पद्धती का इस्तेमाल किया जाता है नगद और चेक. इन दोनों व्यवहारों के लिए एक ही स्लिप भरनी होती थी लेकिन ग्रीन कार्ड बैंकिंग में दोनों के लिए दो तरीके का इस्तेमाल किया जाता है. कॅश भरते वक्त ग्रीन कार्ड का इस्तेमाल किया जाता है जब की चेक के व्यवहार के लिए मुख्य शाखा में जाना पड़ता है और इससे लोगों का वक्त बर्बाद होता है. सेविंग खाते में इस योजना के माध्यम से एक दिन में 25 हज़ार रूपए भेजने की सुविधा है. इससे ज्यादा का व्यवहार ग्राहक को दूसरे दिन करना पड़ता है जिससे व्यापारियों को मुश्किल होती है. लोग मांग कर रहे हैं की हर व्यवहार पर लगने वाला शुल्क रद्द किया जाए साथ ही बैंक कर्मचारियों की ओर से ग्राहकों को इस योजना की जानकारी विस्तार से दी जाए.

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