उपाध्यक्ष भी कांग्रेस का, शिवसेना का एक वोट भी कांग्रेस को मिला
उमरखेड़
अंतत: कांग्रेस की श्रीमती उषाताई गजानन आलट उमरखेड़ की नगराध्यक्ष चुन ली गर्इं. कांग्रेस की ही नजमाबी दौलतखान उपाध्यक्ष निर्वाचित हुईं. 21 सदस्यीय उमरखेड़ नगर परिषद में बहुमत कांग्रेस का था और उषा आलट 13 मत लेकर सबसे आगे रहीं. उनकी प्रतियोगी राकांपा की श्रीमती लक्ष्मीताई ठाकरे को महज 7 मतों पर ही संतोष करना पड़ा.
राकांपा उम्मीदवारों को मिले 7 वोट
उपाध्यक्ष पद के चुनाव में भी नजमाबी को 13 और उनके प्रतियोगी राकांपा के साजिद जागिरदार को 7 वोट मिले. दोनों चुनाव में शिवसेना का एक वोट कांग्रेस के पक्ष में गया. नगर परिषद में कांग्रेस के 12, राकांपा के 7 और शिवसेना के 2 नगरसेवक हैं. उमरखेड़ के नगराध्यक्ष को चुनने का दायित्व कांग्रेस के गुट नेता नंदकिशोर अग्रवाल और सुरेशचंद्र माहेश्वरी पर था, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया.
कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं नगराध्यक्ष की
नगराध्यक्ष चुनी गर्इं उषा आलट की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है और वे सामान्य परिवार से आती हैं. जीत के बाद नागरिकों ने गुट नेताओं का स्वागत किया. नगराध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गांधी चौक पर खुशी मनाई. दोनों का विजय जुलूस भी निकाला गया. इस अवसर पर विधायक विजयराव खड़से, अग्रवाल और माहेश्वरी के अलावा तातुजी देशमुख, दत्तराव शिंदे, गोपाल अग्रवाल, नितिन माहेश्वरी, पूर्व नगराध्यक्ष अर्चना नाईक, अधि. बालासाहब नाईक सहित कांग्रेस के सारे नगरसेवक, पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.
निर्वाचन की पूरी प्रक्रिया को पीठासीन अधिकारी और उपविभागीय अधिकारी राजेश पारनाईक और सहायक निर्वाचन अधिकारी डी. डी. डोल्हारकर ने अंजाम दिया.
