बाढ़ के डर के साए में लोग
उमरखेड
बीते जुलाई-ऑगस्ट-सितम्बर महीनों में हुई अतिवृष्टि की वजह से वैनगंगा नदी में चार बार बाढ़ आई. नदी से लगे तीन गाँवों पड़शी, संगम (चिंचोली) व देवसरी के रहवासियों को उमरखेड शहर व पोफाली (वसंतनगर) में स्थानांतरित किया गया था. इस प्राकृतिक आपदा को बीते 10 महीने से ऊपर का समय बीत गया है लेकिन सुस्त पुनर्वसन विभाग व राजयसरकार ने अभी तक बारिश के पहले सुरक्षा इंतज़ाम के कदम नहीं उठाए हैं. ये गाँववासी अब भी डर के साए में जी रहे है. अतिवृष्टि से नदी के किनारों से लगी खेती की जगह बह जाने से किसानों के हाँथ कुछ नहीं बचा है.
पड़शी, संगम (चिंचोली) व देवसरी ये तीनों गाँव नदी के मुहाने पर होने के कारण हर बार इन गावों में बाढ़ का पानी घुस जाता है. सरकार सालों से इन गांवों के पुनर्वसन का प्रयास करने का दावा तो करती है लेकिन अब तक इन गांवों के लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं.
पड़शी पुनर्वसन समिति के सचिव ब. म. शर्मा व समिति के सहकारी पदाधिकारीयों ने बरसात के पहले पुनर्वसन के लिए योग्य कदम उठाने की माँग की है.
