Published On : Tue, Jul 22nd, 2014

बुलढाणा : कर्मचारियों की हड़ताल से नगर पालिका का कामकाज ठप्प


बुलढाणा

Representational Pic

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यहां के स्थानीय नगरपालिका के कर्मचारियों को वेतन के बराबर 100 प्रतिशत अनुदान दिए जाने, सेवानिर्वित्त उनकी पेंशन के बराबर शासन की ओर से अनुदान दिया जाये. नगर परिषद में अनुकंपाधारियों की तुरंत नियुक्ति के बारें में तुरंत कार्रवाई की जाए आदि माँगों को लेकर नगरपालिका कर्मचारी पिछले १४ जुलाई से बेमुद्द्त हड़ताल पर हैं.

इस हड़ताल में जिले के 11 नगरपालिका के सैकड़ों कर्मचारी शामिल हैं. परंतु इस हड़ताल से शहर की सफाई, पानी आपूर्ति, अन्य काम ना होने की वजह से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. नगरपालिका के कर्मचारियों की प्रलंबित पड़ी मांगों के लिए नगर परिषद कर्मचारी, संवर्ग कर्मचारी रोजंदार कर्मचारी संघटन के अनुसार कई बार आंदोलन किये गए. परंतु शासन ने आज तक इस ओर ध्यान नहीं दिया.

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इस हड़ताल में न.प. कर्मचारियों को वेतन के बराबर 100 प्रतिशत अनुदान दिया जाये, सेवानिर्वित्त कर्मचारियों को पेंशन के खर्च पर शासन की ओर से अनुदान दिया जाये, अनुकंपाधारियों की नियुक्ति बाबत तुरंत कार्रवाई की जाए, नगर पालिका कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारियों के बराबर वेतन दिया जाये, दैनिक भोगी व मानधन पर नियुक्त किये गए सभी कर्मचारियों को बिना किसी शर्त के शासकीय सेवा में शामिल किया जाये, सफाई कर्मचारियों को मुफ्त में घर बांधकर दिया जाये, सार्वजनिक छुट्टियों का मुआवजा दिया जाये, शासकीय कर्मचारियों को पदोन्नति दी जाए आदि मांगों को लेकर कर्मचारी 14 जुलाई से बेमुद्दत हड़ताल पर हैं.

इस हड़ताल में बुलडाणा, चिखली, मेहकर, सिंदखेडराजा, देऊलगांवराजा, लोणार, खामगांव, शेगांव, मलकापुर इन 6 नगरपालिका के सैकड़ों कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल है. आज सात दिन बीत जाने पर भी शासन की और से कोई भी सुध नहीं लिए जाने से कर्मचारी बहुत रुष्ट हैं.

इस हड़ताल से शहर में पानी की आपूर्ति बाधित हो गई है. जिससे 8 से 10 दिनों से नागरिकों को बरसात में भी पानी की कमी की तकलीफ को सहना पड़ रहा है. इसके अलावा अनेक नागरिकों को भी इस हड़ताल की सजा भुगतनी पड़ रहीं है. शहर में गंदगी का साम्राज्य है शासन को तुरंत हड़ताली कर्मचारियों की मांगों की तरफ ध्यान देना चाहिए ताकि न सिर्फ कर्मचारियों बल्कि आम नागरिकों को भी राहत मिल सकें.

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